SSC/UPSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए मुख्य बिंदु

  • प्रसिद्ध अभिनेता और निर्देशक विवेक लागू का 74 वर्ष की उम्र में निधन हुआ।
  • उन्होंने मराठी और हिंदी फिल्मों में काम किया, साथ ही वे मराठी रंगमंच में भी सक्रिय थे।
  • विवेक लागू, मशहूर अभिनेत्री रीमा लागू के पूर्व पति थे।
  • उनकी प्रमुख फिल्में: गोदावरी ने काय केले, अग्ली, व्हाट अबाउट सावरकर?, और 31 दिवस
  • अंतिम संस्कार मुंबई के ओशिवारा श्मशान घाट में किया गया।
  • उन्होंने फिल्मों, टेलीविजन और रंगमंच तीनों में अपनी बहुआयामी प्रतिभा दिखाई।

संपूर्ण विवरण

प्रसिद्ध अभिनेता-निर्देशक विवेक लागू का निधन, उम्र 74 वर्ष

भारतीय सिनेमा और रंगमंच का एक प्रतिष्ठित नाम विवेक लागू अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने हिंदी और मराठी फिल्मों में अहम भूमिकाएं निभाई, साथ ही मराठी रंगमंच और टेलीविजन में भी अपनी गहरी छाप छोड़ी। उनका निधन भारतीय कला जगत के लिए एक बड़ी क्षति है।

सिनेमा और रंगमंच में उनका सफर

विवेक लागू ने विविध विषयों और भाषाओं की फिल्मों और नाटकों में काम किया। उन्होंने हमेशा गहन, अर्थपूर्ण और सामाजिक रूप से प्रासंगिक भूमिकाएं निभाईं।

उनकी चर्चित फिल्में:

  • गोदावरी ने काय केले
  • अग्ली
  • व्हाट अबाउट सावरकर?
  • 31 दिवस

मराठी रंगमंच में उनका योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण था, जिससे उनकी कलात्मक क्षमता और कथावाचन शैली स्पष्ट होती है।

व्यक्तिगत जीवन और पारिवारिक संबंध

विवेक लागू की पूर्व पत्नी रीमा लागू थीं, जो हिंदी सिनेमा में मां की भूमिका के लिए प्रसिद्ध थीं। उनकी प्रमुख फिल्में थीं:

  • हम आपके हैं कौन!
  • हम साथ-साथ हैं

उनका दांपत्य जीवन भी भारतीय कला जगत की दो महत्वपूर्ण हस्तियों का मेल था।

अंतिम संस्कार और समाज की प्रतिक्रिया

उनका अंतिम संस्कार मुंबई के ओशिवारा श्मशान घाट में किया गया। फिल्म इंडस्ट्री और प्रशंसकों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।


राज्य आधारित तथ्य फाइल – महाराष्ट्र

राज्य का नाम: महाराष्ट्र
राजधानी: मुंबई
मुख्यमंत्री: एकनाथ शिंदे (जून 2025 तक)
राज्यपाल: रमेश बैस
प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान:

  • संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान
  • ताडोबा अंधारी टाइगर रिजर्व
    महत्वपूर्ण नदियाँ: गोदावरी, कृष्णा, भीमा
    संस्कृतिक विरासत: लावणी नृत्य, गणेश चतुर्थी
    फिल्म इंडस्ट्री: बॉलीवुड का मुख्यालय मुंबई में स्थित है

परीक्षा के दृष्टिकोण से वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQs)

प्र.1 विवेक लागू किस भाषा के सिनेमा से प्रमुख रूप से जुड़े थे?
A. तमिल
B. हिंदी और मराठी
C. बंगाली
D. गुजराती
उत्तर: B. हिंदी और मराठी

प्र.2 विवेक लागू का अंतिम संस्कार कहां किया गया?
A. शिवाजी पार्क श्मशान घाट
B. ओशिवारा श्मशान घाट
C. सायन श्मशान घाट
D. malad श्मशान घाट
उत्तर: B. ओशिवारा श्मशान घाट

प्र.3 रीमा लागू, जो विवेक लागू की पूर्व पत्नी थीं, किस फिल्म में नजर आई थीं?
A. लगान
B. दंगल
C. हम आपके हैं कौन!
D. 3 इडियट्स
उत्तर: C. हम आपके हैं कौन!

प्र.4 निम्नलिखित में से कौन-सी मराठी फिल्म विवेक लागू की है?
A. 31 दिवस
B. चक दे! इंडिया
C. हेरा फेरी
D. मर्दानी
उत्तर: A. 31 दिवस


UPSC प्रारूप आधारित FAQs (उत्तर लेखन शैली में)

Q1. विवेक लागू का भारतीय रंगमंच और सिनेमा में योगदान का मूल्यांकन करें। (150 शब्द)

उत्तर:
विवेक लागू भारतीय रंगमंच और सिनेमा की एक बहुआयामी प्रतिभा थे। उन्होंने हिंदी और मराठी दोनों भाषाओं की फिल्मों में काम किया और रंगमंच में भी उनका योगदान सराहनीय रहा। उनकी फिल्मों गोदावरी ने काय केले, अग्ली, व्हाट अबाउट सावरकर?, और 31 दिवस ने सामाजिक और कलात्मक दृष्टि से अलग पहचान बनाई।
मराठी रंगमंच के क्षेत्र में उन्होंने नई पीढ़ी को प्रेरित किया और पारंपरिक कला रूपों को संरक्षित रखा। रीमा लागू जैसी चर्चित अभिनेत्री से उनका संबंध, उनके निजी जीवन को भी चर्चित बनाता है।
हालांकि वह मुख्यधारा के ग्लैमर से दूर थे, लेकिन उनकी प्रतिभा और कार्यशैली ने समानांतर सिनेमा और स्थानीय कला को सशक्त किया। उनका निधन एक युग का अंत है।


Q2. क्षेत्रीय कलाकार भारतीय सांस्कृतिक विरासत को कैसे प्रभावित करते हैं? (250 शब्द)

उत्तर:
भारत की सांस्कृतिक विविधता में क्षेत्रीय कलाकारों का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। ये कलाकार स्थानीय भाषाओं, परंपराओं और सामाजिक कहानियों को जीवंत रखते हैं।
विवेक लागू जैसे कलाकार, जो मराठी रंगमंच और सिनेमा से जुड़े थे, इन सांस्कृतिक परंपराओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में सेतु का कार्य करते हैं। उनकी भूमिकाएं सामाजिक, ऐतिहासिक और भावनात्मक तत्वों को प्रस्तुत करती हैं जो वैश्विककरण के दौर में क्षेत्रीय पहचान को बनाए रखती हैं।
उन्होंने न केवल क्षेत्रीय सिनेमा को समृद्ध किया, बल्कि अग्ली और व्हाट अबाउट सावरकर? जैसी फिल्मों के जरिए राष्ट्रीय दर्शकों के बीच भी अपनी गहरी छाप छोड़ी।
इस प्रकार, क्षेत्रीय कलाकार न केवल कला के माध्यम से समाज को दिशा देते हैं, बल्कि भारत की विविधता और बहुलता को दर्शाते हुए उसे सहेजने में भी सहायक होते हैं। उनके योगदान को पहचान देना और प्रलेखित करना आवश्यक है।