
मुख्य बिंदु (SSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए उपयोगी)
- तिथि: हर वर्ष 20 जून – संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित।
- 2025 की थीम: “Solidarity with Refugees” (शरणार्थियों के साथ एकजुटता)।
- वैश्विक विस्थापन: 70 मिलियन से अधिक लोग जबरन विस्थापित, जिनमें लगभग 30 मिलियन शरणार्थी।
- प्रमुख श्रेणियां: Refugees, Asylum Seekers, IDPs, Stateless Persons, Returnees
- 1951 का शरणार्थी कन्वेंशन और 1967 का प्रोटोकॉल:
- Non-refoulement सिद्धांत (जबरन वापसी नहीं)
- अधिकार: काम, आवास, शिक्षा, कानूनी सहायता, स्वतंत्र आवागमन
- महत्त्व: शरणार्थियों को अवसर देकर समाज को मजबूत बनाना।
विस्तृत जानकारी
विश्व शरणार्थी दिवस क्या है?
विश्व शरणार्थी दिवस हर साल 20 जून को मनाया जाता है। यह उन लोगों को समर्पित है जो युद्ध, उत्पीड़न या हिंसा के कारण अपने देश से भागने को मजबूर हुए। यह दिन उनके साहस और संघर्ष को सम्मान देने और उनके लिए सहानुभूति और समर्थन जुटाने के लिए मनाया जाता है।
2025 की थीम: “Solidarity with Refugees”
इस साल का संदेश स्पष्ट है – सिर्फ सहानुभूति नहीं, कार्रवाई की जरूरत है। दुनिया में जबरन विस्थापित लोगों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर है और मानवीय सहायता पर खतरा मंडरा रहा है। इस थीम के तहत नीति-परिवर्तन, समुदायिक भागीदारी और शरणार्थियों की आवाज़ को मंच देने का आह्वान किया गया है।
जबरन विस्थापित कौन होते हैं?
- Refugees (शरणार्थी): जो जाति, धर्म, राष्ट्रीयता, सामाजिक समूह या राजनीतिक राय के कारण उत्पीड़न से बचने के लिए देश छोड़ चुके हैं।
- Asylum Seekers (आश्रय चाहने वाले): जिनका शरणार्थी होने का दावा अभी कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त नहीं हुआ है।
- Internally Displaced Persons (आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्ति): जो देश की सीमाओं के भीतर ही अपने क्षेत्र से विस्थापित हुए हैं।
- Stateless Persons (नागरिकता विहीन व्यक्ति): जिन्हें कोई देश कानूनी रूप से अपना नागरिक नहीं मानता।
- Returnees (वापसी करने वाले): पूर्व शरणार्थी जो अपने देश लौट चुके हैं और जिन्हें पुनर्वास की जरूरत होती है।
संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया और कानूनी ढांचा
1951 Refugee Convention और 1967 Protocol ऐसे प्रमुख अंतरराष्ट्रीय दस्तावेज़ हैं जो शरणार्थियों के अधिकारों और देशों की जिम्मेदारियों को परिभाषित करते हैं।
- Non-refoulement सिद्धांत के तहत शरणार्थी को वहां नहीं भेजा जा सकता जहां उसकी जान को खतरा हो।
- शरणार्थियों को काम, आवास, शिक्षा, चिकित्सा, धार्मिक स्वतंत्रता, कानूनी सहायता जैसे अधिकार दिए जाते हैं।
वर्तमान संकट
- 2018 के अंत तक: 70.8 मिलियन लोग विस्थापित, जिनमें 30 मिलियन से अधिक शरणार्थी
- इनमें से आधे से अधिक 18 वर्ष से कम उम्र के
- लाखों Stateless लोग बुनियादी अधिकारों से वंचित हैं
- समाधान: पुनर्वास, कानूनी सहायता, सामाजिक एकीकरण
अंतरराष्ट्रीय दिवस क्यों मनाए जाते हैं?
इस प्रकार के दिवस वैश्विक मुद्दों पर जन-जागरूकता फैलाने, राजनैतिक इच्छाशक्ति उत्पन्न करने और मानवता की उपलब्धियों को मनाने का जरिया होते हैं।
MCQ से पहले – संबंधित संगठन/राज्य की जानकारियाँ
संयुक्त राष्ट्र (United Nations)
- स्थापना: 24 अक्टूबर, 1945
- मुख्यालय: न्यूयॉर्क सिटी, यूएसए
- महासचिव (2025): एंटोनियो गुटेरेस
- प्रमुख एजेंसियां: UNHCR (शरणार्थियों के लिए), UNICEF, WHO
वस्तुनिष्ठ प्रश्न (MCQs)
- 1951 शरणार्थी कन्वेंशन का मुख्य सिद्धांत कौन‑सा है?
A) 5 साल बाद शरणार्थी दर्जा समाप्त होना
B) Non-refoulement
C) अनिवार्य प्रत्यावर्तन
D) Statelessness का समाधान
उत्तर: B) Non-refoulement - विश्व शरणार्थी दिवस 2025 की थीम क्या है?
A) Building new futures
B) Solidarity with Refugees
C) Education and Displacement
D) Children on the Move
उत्तर: B) Solidarity with Refugees - निम्नलिखित में से कौन‑सी UN एजेंसी शरणार्थियों की देखभाल करती है?
A) UNICEF
B) WHO
C) UNHCR
D) UNESCO
उत्तर: C) UNHCR - नागरिकता विहीन व्यक्ति किन सेवाओं से वंचित होते हैं?
A) नागरिक अधिकार
B) शिक्षा व स्वास्थ्य
C) रोजगार
D) उपरोक्त सभी
उत्तर: D) उपरोक्त सभी
H2: UPSC‑स्टाइल FAQs (Answer Writing फॉर्मेट में)
Q1: शरणार्थियों के विभिन्न प्रकार कौन‑से हैं? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
जबरन विस्थापित व्यक्तियों में शरणार्थी, आश्रय चाहने वाले, आंतरिक रूप से विस्थापित व्यक्ति (IDPs), नागरिकता विहीन व्यक्ति, और वापसी करने वाले शामिल होते हैं। ये लोग युद्ध, उत्पीड़न, प्राकृतिक आपदाओं या राजनीतिक कारणों से अपना घर छोड़ते हैं। हर वर्ग की समस्याएं अलग होती हैं और इन्हें विशेष प्रकार के संरक्षण, कानूनी अधिकारों और पुनर्वास की आवश्यकता होती है।
Q2: 1951 कन्वेंशन के अंतर्गत Non-refoulement सिद्धांत का क्या महत्त्व है?
उत्तर:
Non-refoulement सिद्धांत के तहत किसी शरणार्थी को उस स्थान पर वापस नहीं भेजा जा सकता जहां उसकी जान को खतरा हो। यह शरणार्थी संरक्षण का मूल सिद्धांत है और अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत बाध्यकारी है। यह सिद्धांत मानवीय मूल्यों और मानवाधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करता है। इसका उल्लंघन करना गंभीर मानवाधिकार हनन के अंतर्गत आता है।
Q3: वर्तमान वैश्विक परिप्रेक्ष्य में विश्व शरणार्थी दिवस की उपयोगिता पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
विश्व शरणार्थी दिवस शरणार्थियों की स्थिति, अधिकार और योगदान को मान्यता देने का एक अवसर है। 2025 की थीम “Solidarity with Refugees” इस बात पर बल देती है कि हमें सिर्फ सहानुभूति नहीं बल्कि ठोस कार्य करना चाहिए। यह दिवस नीति निर्माण, जागरूकता और सामाजिक समावेश को बढ़ावा देता है और यह दिखाता है कि शरणार्थियों की भागीदारी से समाज मजबूत बनता है।
Q4: मेज़बान देशों को शरणार्थियों के समावेश के लिए क्या कदम उठाने चाहिए?
उत्तर:
मेज़बान देशों को शरणार्थियों को कानूनी मान्यता, काम के अवसर, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करनी चाहिए। भाषा और कौशल प्रशिक्षण, समानता और गैर-भेदभाव की नीतियों को लागू करना चाहिए। इसके अतिरिक्त, सामुदायिक भागीदारी, सार्वजनिक-निजी भागीदारी और परिवार पुनर्मिलन जैसे प्रयास शरणार्थियों के समावेश को सशक्त बनाते हैं।