
SSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण बिंदु
- परियोजना: कुल्सी नदी पर 55 मेगावाट की पनबिजली और सिंचाई परियोजना
- संबंधित राज्य: असम और मेघालय
- उद्देश्य: गुवाहाटी में शहरी बाढ़ की समस्या का समाधान और सीमा विवाद को सुलझाना
- कुल्सी नदी: ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी, गंगेटिक डॉल्फ़िन का आवास
- संस्थाएं शामिल:
- NESAC (North Eastern Space Application Centre) – सैटेलाइट मैपिंग
- IIT रुड़की – बाढ़ रोकथाम रणनीतियाँ
- सीमा विवाद समाधान: 12 में से 6 क्षेत्रों में सहमति, 15 अगस्त तक 5 क्षेत्रों में सीमा स्तंभ स्थापित होंगे
- सहयोगी शासन: दोनों मुख्यमंत्रियों ने साझा विकास और संवाद पर ज़ोर दिया
- आर्थिक प्रभाव: पर्यटन, रोज़गार, और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा
पूर्ण विवरण
कुल्सी नदी पर असम-मेघालय की संयुक्त परियोजना की शुरुआत
असम और मेघालय की सरकारों ने हाल ही में 55 मेगावाट की संयुक्त पनबिजली और सिंचाई परियोजना की घोषणा की है, जो दोनों राज्यों के ऊर्जा और सिंचाई की ज़रूरतों को पूरा करेगी और साथ ही गुवाहाटी में बाढ़ की समस्या का समाधान करेगी।
यह घोषणा असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा की बैठक के दौरान हुई, जिसमें दोनों राज्यों ने सीमा विवाद को सुलझाने और साझा विकास को लेकर गंभीरता दिखाई।
कुल्सी नदी पर परियोजना के मुख्य बिंदु
कुल्सी नदी, जो ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी है, इस परियोजना का मुख्य आधार होगी। यह परियोजना स्वच्छ ऊर्जा का स्रोत बनने के साथ-साथ असम के किसानों को सिंचाई सुविधा भी प्रदान करेगी।
परियोजना में स्थानीय समुदायों से परामर्श किया जाएगा ताकि जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र की रक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह नदी गंगेटिक डॉल्फ़िन जैसे दुर्लभ जीवों का भी आवास है।
गुवाहाटी की बाढ़ समस्या: वैज्ञानिक हल की ओर कदम
गुवाहाटी में शहरी बाढ़ एक प्रमुख समस्या है। इसे हल करने के लिए, असम और मेघालय NESAC (नॉर्थ ईस्टर्न स्पेस एप्लीकेशन सेंटर) की मदद से सैटेलाइट मैपिंग कराएंगे, ताकि बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों की पहचान की जा सके।
इसके बाद, IIT रुड़की की विशेषज्ञ टीम इस डाटा का विश्लेषण कर बाढ़ रोकने की प्रभावी रणनीतियाँ तैयार करेगी।
सीमा विवाद: 52 साल पुरानी समस्या का समाधान
असम और मेघालय के बीच 52 वर्षों से चला आ रहा सीमा विवाद अब सुलझने की दिशा में है। दोनों राज्यों ने 12 में से 6 विवादित क्षेत्रों पर सहमति बना ली है।
इनमें से 5 क्षेत्रों में 15 अगस्त तक सीमा चिन्ह (बाउंड्री पिलर्स) लगाए जाएंगे। इसके साथ ही मेघालय द्वारा किए गए भूमि विन्यास के अनुरोधों पर भी विचार किया जा रहा है।
सहयोगात्मक शासन: नए भारत की मिसाल
दोनों मुख्यमंत्रियों ने साझा समस्याओं का समाधान और सहयोग को ही भविष्य की नीति बताया। पनबिजली परियोजना, बाढ़ प्रबंधन और सीमा विवाद जैसे गंभीर मुद्दों पर यह साझा पहल एक उदाहरण बन सकती है।
भविष्य की संभावनाएं
इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से:
- ऊर्जा उत्पादन में वृद्धि
- पर्यटन विकास
- नौकरी के अवसर
- क्षेत्रीय समृद्धि देखने को मिलेगी
यह मॉडल भारत में अन्य राज्यों के बीच साझा परियोजनाओं की प्रेरणा बन सकता है।
परीक्षा विशेष: राज्यों और संस्थाओं से जुड़ी स्टैटिक GK जानकारी
असम
- राजधानी: दिसपुर
- मुख्यमंत्री: हिमंत बिस्वा सरमा
- राज्यपाल: गुलाब चंद कटारिया
- प्रमुख नदियाँ: ब्रह्मपुत्र, बाराक
- राष्ट्रीय उद्यान: काज़ीरंगा, मानस, नामेरी, ओरांग
- महत्वपूर्ण त्योहार: बिहू, अम्बुबाची मेला
मेघालय
- राजधानी: शिलॉन्ग
- मुख्यमंत्री: कॉनराड के संगमा
- राज्यपाल: फागू चौहान
- प्रमुख नदियाँ: उमियम, सिमसांग
- राष्ट्रीय उद्यान: नोकरेक, बलपाकरम
- महत्वपूर्ण त्योहार: वांगला, शाद सुक मिंसिएम
महत्वपूर्ण संस्थाएं
- NESAC (North Eastern Space Application Centre)
- स्थान: शिलॉन्ग, मेघालय
- कार्य: रिमोट सेंसिंग, आपदा प्रबंधन, सैटेलाइट मैपिंग
- IIT रुड़की
- स्थापना: 1847
- स्थान: उत्तराखंड
- विशेषज्ञता: इंजीनियरिंग, आपदा प्रबंधन, जल विज्ञान
इस विषय पर संभावित MCQs
Q1. असम और मेघालय की संयुक्त परियोजना किस नदी पर आधारित है?
A. बाराक
B. ब्रह्मपुत्र
C. कुल्सी
D. तीस्ता
उत्तर: C. कुल्सी
Q2. कुल्सी नदी पनबिजली परियोजना की क्षमता क्या है?
A. 25 मेगावाट
B. 40 मेगावाट
C. 55 मेगावाट
D. 75 मेगावाट
उत्तर: C. 55 मेगावाट
Q3. कुल्सी नदी किस प्रमुख भारतीय नदी की सहायक है?
A. गंगा
B. ब्रह्मपुत्र
C. गोदावरी
D. यमुना
उत्तर: B. ब्रह्मपुत्र
Q4. कुल्सी नदी किस प्रजाति के लिए प्रसिद्ध है?
A. ऑलिव रिडले कछुआ
B. हिम तेंदुआ
C. गंगेटिक डॉल्फ़िन
D. ग्रेट इंडियन बस्टर्ड
उत्तर: C. गंगेटिक डॉल्फ़िन
Q5. असम-मेघालय सीमा विवाद में अब तक कितने क्षेत्रों में सहमति बनी है?
A. 4
B. 5
C. 6
D. 12
उत्तर: C. 6
Q6. गुवाहाटी की बाढ़ रोकथाम में सैटेलाइट डाटा का विश्लेषण कौन करेगा?
A. IIT दिल्ली
B. NESAC
C. IIT रुड़की
D. ISRO
उत्तर: C. IIT रुड़की