
SSC/UPSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए मुख्य बिंदु
- मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, NHAI और स्थानीय प्रशासन को नोटिस जारी किया।
- इंदौर-देवास सेक्शन पर आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग (NH 52) पर भारी जाम की घटना पर PIL दाखिल की गई।
- 50 घंटे तक ट्रैफिक जाम रहा जिसमें हजारों वाहन फंसे रहे।
- एक वरिष्ठ नागरिक की मौत की खबर सामने आई जो जाम में फंसे हुए थे।
- कोर्ट ने भारी वाहनों के लिए डायवर्जन को जारी रखने का आदेश दिया।
- सड़क निर्माण कार्य की न्यायिक निगरानी की मांग की गई है ताकि जवाबदेही तय हो सके।
पूर्ण विवरण
घटना का विवरण
30 जून 2025 को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इंदौर-देवास राजमार्ग पर हुए भारी ट्रैफिक जाम को लेकर गंभीर संज्ञान लिया। यह जाम लगभग 50 घंटे तक चला, जिससे हजारों लोग परेशान हुए और एक व्यक्ति की मौत भी हो गई।
न्यायिक हस्तक्षेप
यह मामला देवास के वकील आनंद अधिकारी द्वारा दायर जनहित याचिका (PIL) के माध्यम से अदालत के सामने आया। हाईकोर्ट की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति विवेक रूसिया और बिनोद कुमार द्विवेदी ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस जारी किए:
- भारत सरकार (केंद्र)
- राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI)
- इंदौर जिला प्रशासन
- इंदौर पुलिस
- सड़क निर्माण कर रही निजी कंपनी
कोर्ट के निर्देश
- भारी वाहनों के लिए डायवर्जन व्यवस्था जारी रखने का आदेश।
- निर्माण कार्य में शामिल निजी कंपनी को उत्तरदाता की सूची में जोड़ा जाए।
- PIL की मांग के अनुसार निर्माण कार्य की कोर्ट की निगरानी में समीक्षा हो।
जनता की परेशानी
हजारों वाहन बुधवार से शुक्रवार तक फंसे रहे। इस दौरान 65 वर्षीय कमल पांचाल की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई, जब वे अपनी कार में जाम में फंसे थे। याचिका में सड़क निर्माण की प्रक्रिया को अदालत की निगरानी में करने की मांग की गई है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकी जा सकें।
मध्य प्रदेश से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य (परीक्षा उपयोगी)
- राजधानी: भोपाल
- मुख्यमंत्री (2025): मोहन यादव
- राज्यपाल: मंगुभाई पटेल
- प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान:
- कान्हा राष्ट्रीय उद्यान
- बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान
- पेंच राष्ट्रीय उद्यान
- प्रमुख नदियाँ: नर्मदा, ताप्ती, चंबल, बेतवा
- महत्वपूर्ण शहर: भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन
- प्रमुख राजमार्ग: आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग (NH 52)
परीक्षा आधारित MCQs
Q1. हाल ही में इंदौर-देवास के बीच ट्रैफिक जाम किस राष्ट्रीय राजमार्ग पर हुआ?
A. NH 44
B. NH 48
C. NH 52
D. NH 27
उत्तर: C. NH 52
Q2. इंदौर-देवास जाम मामले में PIL किसने दायर की थी?
A. कमल पांचाल
B. गिरीश पटवर्धन
C. आनंद अधिकारी
D. विजय पांचाल
उत्तर: C. आनंद अधिकारी
Q3. किस हाईकोर्ट बेंच ने इस मामले में नोटिस जारी किया?
A. जबलपुर बेंच
B. भोपाल बेंच
C. इंदौर बेंच
D. ग्वालियर बेंच
उत्तर: C. इंदौर बेंच
Q4. कोर्ट ने अंतरिम राहत के रूप में कौन सा आदेश दिया?
A. सड़क का तुरंत निर्माण
B. सैन्य बलों की तैनाती
C. भारी वाहनों के लिए डायवर्जन
D. निर्माण कार्य पर रोक
उत्तर: C. भारी वाहनों के लिए डायवर्जन
Q5. उस व्यक्ति का नाम क्या था जिसकी मौत जाम में फंसने के दौरान हुई?
A. आनंद अधिकारी
B. कमल पांचाल
C. विजय पांचाल
D. बिनोद द्विवेदी
उत्तर: B. कमल पांचाल
UPSC-स्टाइल FAQs (मॉडल उत्तर सहित)
Q1. संविधान के तहत हाईकोर्ट ऐसी सार्वजनिक समस्या जैसे ट्रैफिक जाम में कैसे हस्तक्षेप कर सकता है?
उत्तर:
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 226 हाईकोर्ट को अधिकार देता है कि वह मूल अधिकारों की सुरक्षा और अन्य सार्वजनिक हितों के लिए रिट जारी कर सके। यदि किसी समस्या से नागरिकों के जीवन के अधिकार (अनुच्छेद 21) का उल्लंघन हो रहा है, जैसे कि खराब इंफ्रास्ट्रक्चर से जान को खतरा, तो कोर्ट हस्तक्षेप कर सकता है। इंदौर-देवास मामला इसी प्रकार की गंभीरता को दर्शाता है।
Q2. सार्वजनिक परियोजनाओं में न्यायिक हस्तक्षेप का क्या महत्व है?
उत्तर:
न्यायिक हस्तक्षेप से पारदर्शिता, जवाबदेही, और समयबद्धता सुनिश्चित होती है। जब कोर्ट किसी परियोजना की निगरानी करता है, तो संबंधित विभाग और ठेकेदार अधिक सतर्क रहते हैं। इंदौर-देवास प्रकरण में यह आवश्यक हो गया क्योंकि निर्माण कार्य में लापरवाही जनता की जान को जोखिम में डाल रही थी।
Q3. राजमार्ग निर्माण में लापरवाही से सार्वजनिक सेवाओं पर क्या प्रभाव पड़ता है?
उत्तर:
खराब नियोजन से एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, और पुलिस सेवाएं बाधित होती हैं। आपातकालीन स्थितियों में प्रतिक्रिया का समय बढ़ जाता है। कमल पांचाल की मौत इसका एक उदाहरण है। इसके अलावा, सप्लाई चेन, स्कूल ट्रांसपोर्ट, और अन्य नागरिक सेवाएं भी प्रभावित होती हैं।
Q4. जनहित याचिकाएं (PILs) भारत में सार्वजनिक शिकायतों के समाधान में कैसे सहायक होती हैं?
उत्तर:
PILs लोकतंत्र का प्रभावी माध्यम हैं जो किसी भी नागरिक को न्यायपालिका तक पहुँच प्रदान करते हैं, भले ही मामला सीधे उनके साथ जुड़ा न हो। ऐसे मामलों में जहाँ प्रशासनिक विफलता जनहित को प्रभावित कर रही हो, PILs से संवैधानिक समाधान मिलता है। इंदौर-देवास मामला इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।
Q5. भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में सड़क निर्माण के दौरान प्रशासन को कौन-कौन से कदम उठाने चाहिए?
उत्तर:
प्रशासन को चरणबद्ध निर्माण, रियल टाइम ट्रैफिक अलर्ट, और आपातकालीन बायपास व्यवस्था अपनानी चाहिए। निर्माण कार्य से पहले जनता को सूचित करना, पुलिस और जिला प्रशासन के साथ समन्वय, और सार्वजनिक फीडबैक आवश्यक है। ऐसे उपाय न करने से जनता को भारी असुविधा होती है।