
SSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए मुख्य बिंदु
- कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 आज नाथुला दर्रे, सिक्किम से फिर शुरू हुई — 5 साल बाद।
- यात्रा 2020 से स्थगित थी (कोविड-19 और भारत-चीन सीमा विवाद के कारण)।
- 750 तीर्थयात्रियों का चयन विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा कंप्यूटरीकृत ड्रॉ से किया गया।
- यह यात्रा भारत-चीन संबंध सामान्य करने की दिशा में एक कदम मानी जा रही है।
- सुबह 8:45 बजे सिक्किम के राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर ने झंडी दिखाकर यात्रा आरंभ की।
- यात्रा का आयोजन विदेश मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
- दो मार्गों से यात्रा: लिपुलेख (उत्तराखंड) और नाथुला (सिक्किम) — दोनों अब पूरी तरह मोटरेबल हैं।
- यात्रा हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म के लिए धार्मिक महत्व रखती है।
राज्य व संगठन से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
सिक्किम (राज्य)
- राजधानी: गंगटोक
- मुख्यमंत्री: प्रेम सिंह तमांग (गोले)
- राज्यपाल: ओम प्रकाश माथुर
- मुख्य नदी: तीस्ता
- राष्ट्रीय उद्यान: कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान (यूनेस्को साइट)
- सीमा: चीन (तिब्बत), भूटान, नेपाल
विदेश मंत्रालय (MEA)
- केंद्रीय मंत्री: डॉ. एस. जयशंकर
- भूमिका: भारत की विदेश नीति और सांस्कृतिक राजनय
- यात्रा का आधिकारिक आयोजक
तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (चीन)
- राजधानी: ल्हासा
- स्थिति: कैलाश पर्वत व मानसरोवर झील
- महत्व: धार्मिक और भारत के लिए रणनीतिक
कैलाश मानसरोवर यात्रा 5 साल बाद आज नाथुला मार्ग से शुरू
यात्रा 20 जून 2025 को फिर शुरू हुई
धार्मिक दृष्टि से पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा आज, 20 जून 2025, को सिक्किम के नाथुला दर्रे से फिर शुरू हो गई। 36 यात्रियों के पहले जत्थे को सुबह 8:45 बजे राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर ने हरी झंडी दिखाई।
पर्यटन एवं नागर विमानन विभाग समेत कई विभागों ने यात्रा की सफल शुरुआत सुनिश्चित की।
यात्रा क्यों स्थगित थी?
यात्रा को 2020 में कोविड-19 महामारी के कारण रोक दिया गया था। उसके बाद भारत-चीन सीमा पर तनाव, विशेषकर लद्दाख के एलएसी क्षेत्र में, के चलते यह रोक जारी रही।
राजनयिक पहल और विदेश मंत्रालय की भूमिका
जनवरी 2025 में, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बीजिंग में चीनी समकक्ष सुन वेइडोंग से मुलाकात की। इस बैठक में यात्रा को पुनः शुरू करने पर सहमति बनी और दोनों देशों ने “जन-आधारित उपायों” पर सहमति जताई।
मार्ग, चयन प्रक्रिया और सुविधा
2025 में तीर्थयात्रियों का चयन
विदेश मंत्रालय को कुल 5,561 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 1,537 महिलाएं शामिल थीं। 750 तीर्थयात्रियों को कंप्यूटर द्वारा निष्पक्ष व संतुलित प्रक्रिया से चुना गया:
- लिपुलेख मार्ग (उत्तराखंड): 5 जत्थे
- नाथुला मार्ग (सिक्किम): 10 जत्थे
अब दोनों मार्ग पूरी तरह मोटरेबल हैं, जिससे पैदल चलना बहुत कम हो गया है।
धार्मिक महत्व
कैलाश पर्वत को भगवान शिव का निवास माना जाता है और मानसरोवर झील को पवित्र माना जाता है जो पापों का शुद्धिकरण करती है। यात्रा का महत्व जैन, बौद्ध और बोन धर्म में भी है, जिससे यह एक अंतर-धार्मिक तीर्थस्थल बन जाती है।
रणनीतिक और सांकेतिक महत्व
यात्रा की बहाली भारत-चीन संबंधों में सुधार का संकेत है। यह जन स्तर पर संपर्क और सांस्कृतिक सहयोग का माध्यम बन सकती है। इसके अलावा, यह धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने और सीमा क्षेत्रों में विश्वास निर्माण का कार्य करती है।
परीक्षा के लिए बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
Q1. कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 में किस तारीख को पुनः शुरू हुई?
A) 10 जून
B) 15 जून
C) 20 जून
D) 25 जून
उत्तर: C) 20 जून
Q2. नाथुला मार्ग किस राज्य से होकर गुजरता है?
A) हिमाचल प्रदेश
B) अरुणाचल प्रदेश
C) सिक्किम
D) उत्तराखंड
उत्तर: C) सिक्किम
Q3. 2025 की यात्रा के लिए कुल कितने यात्रियों का चयन हुआ?
A) 500
B) 600
C) 750
D) 1000
उत्तर: C) 750
Q4. 2025 में पहले जत्थे को किसने झंडी दिखाई?
A) भारत के प्रधानमंत्री
B) सिक्किम के मुख्यमंत्री
C) राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर
D) विदेश मंत्री
उत्तर: C) राज्यपाल ओम प्रकाश माथुर
Q5. कैलाश मानसरोवर यात्रा का आयोजन कौन करता है?
A) संस्कृति मंत्रालय
B) रक्षा मंत्रालय
C) विदेश मंत्रालय
D) पर्यटन मंत्रालय
उत्तर: C) विदेश मंत्रालय
UPSC प्रारूप के अनुसार FAQs (उत्तर लेखन शैली में)
Q1. कैलाश मानसरोवर यात्रा 2025 की बहाली भारत-चीन संबंधों के संदर्भ में क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर:
कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली राजनयिक और रणनीतिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह यात्रा 2020 में कोविड-19 और भारत-चीन सीमा तनाव के चलते स्थगित हुई थी। इसका पुनः प्रारंभ दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और जनसंपर्क आधारित विश्वास निर्माण का संकेत है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री की बीजिंग यात्रा और चीनी अधिकारी सुन वेइडोंग के साथ बैठक के बाद यात्रा को दोबारा शुरू करने पर सहमति बनी। यह भारत की सॉफ्ट पावर रणनीति का हिस्सा है, जो धार्मिक कूटनीति के माध्यम से तनाव कम करने का प्रयास करती है।
Q2. विदेश मंत्रालय की भूमिका धार्मिक यात्राओं जैसे कैलाश मानसरोवर यात्रा में कैसे महत्वपूर्ण है?
उत्तर:
विदेश मंत्रालय (MEA) यात्रा का मुख्य संयोजक है और यह भारत-चीन समन्वय, तीर्थयात्रियों का चयन, और राज्य सरकारों के साथ सहयोग जैसे महत्वपूर्ण कार्य करता है।
MEA न केवल कूटनीतिक स्तर पर सहयोग सुनिश्चित करता है, बल्कि कंप्यूटर आधारित पारदर्शी चयन प्रक्रिया के माध्यम से नागरिकों के विश्वास को भी बनाता है। यह मंत्रालय भारत की सांस्कृतिक पहचान को विश्व स्तर पर प्रस्तुत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
Q3. कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील का धार्मिक महत्व क्या है?
उत्तर:
कैलाश पर्वत हिंदू धर्म में भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है। वहीं, मानसरोवर झील को आत्मा की शुद्धि के लिए अत्यंत पवित्र माना गया है।
जैन धर्म में इसे ऋषभदेव तीर्थंकर से जोड़ा गया है, जबकि बौद्ध धर्म में इसे दमचोक देवता का निवास स्थान माना जाता है।
इनके अलावा, तिब्बती बोन धर्म में भी यह स्थल पवित्र है। इन कारणों से कैलाश-मानसरोवर यात्रा अंतर-धार्मिक श्रद्धा और सांस्कृतिक संगम का प्रतीक बन जाती है।