SSC, UPSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

  • प्रियांका गोस्वामी ने महिला 10 किमी रेसवॉक में गोल्ड मेडल जीता।
  • उन्होंने 47 मिनट 54 सेकंड में रेस पूरी की।
  • यह उनकी सीजन की पहली जीत रही।
  • पुरुषों की 35 किमी रेसवॉक में संदीप कुमार ने सिल्वर (2:38:45) और राम बाबू ने ब्रॉन्ज (2:41:47) जीता।
  • पुरुषों की 35 किमी रेसवॉक में चेक गणराज्य के जारोमिर मोरावेक ने गोल्ड (2:34:41) जीता।
  • संदीप कुमार भारत के 50 किमी रेसवॉक राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक हैं और टोक्यो ओलंपिक 2020 में भाग ले चुके हैं। वे 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक विजेता (10,000 मीटर रेसवॉक) हैं।
  • राम बाबू भारत के 35 किमी रेसवॉक राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक (2:29:56) हैं।

पूरी जानकारी

H1: ऑस्ट्रियन रेसवॉकिंग चैंपियनशिप 2025 में भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन

ऑस्ट्रियन रेसवॉकिंग चैंपियनशिप 2025, जो इंसब्रुक में आयोजित हुई, में भारतीय रेसवॉकर्स ने शानदार प्रदर्शन कर कई मेडल अपने नाम किए।

H2: प्रियांका गोस्वामी की गोल्ड जीत

प्रियांका गोस्वामी ने महिला 10 किमी रेसवॉक में 47:54 मिनट का समय लेकर गोल्ड मेडल जीता। यह उनकी इस सीजन की पहली जीत है और आगामी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए उनका आत्मविश्वास बढ़ाती है।

H2: संदीप कुमार और राम बाबू का दमदार प्रदर्शन

पुरुषों की 35 किमी रेसवॉक में:

  • संदीप कुमार ने सिल्वर जीता (2:38:45)।
  • राम बाबू ने ब्रॉन्ज जीता (2:41:47)।

इस इवेंट में चेक गणराज्य के जारोमिर मोरावेक ने गोल्ड (2:34:41) और मॉरीशस के जेरोम कैप्रीस ने चौथा स्थान (3:14:05) प्राप्त किया।

H3: प्रमुख रिकॉर्ड और उपलब्धियां

  • संदीप कुमार: भारत के 50 किमी रेसवॉक राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक, टोक्यो 2020 ओलंपियन, 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य विजेता (10,000 मीटर रेसवॉक)
  • राम बाबू: भारत के 35 किमी रेसवॉक राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक (2:29:56)

संबंधित देश — चेक गणराज्य

  • राजधानी: प्राग
  • मुद्रा: चेक कोरुना (CZK)
  • राष्ट्रपति (2025): पेत्र पावेल
  • महत्वपूर्ण नदियां: एल्बे, वल्टावा

परीक्षा शैली के MCQ

1. ऑस्ट्रियन रेसवॉकिंग चैंपियनशिप 2025 में महिला 10 किमी रेसवॉक का गोल्ड किसने जीता?
A) भावना जाट
B) प्रियांका गोस्वामी
C) संदीप कुमार
D) राम बाबू
उत्तर: B) प्रियांका गोस्वामी

2. प्रियांका गोस्वामी ने महिला 10 किमी रेसवॉक किस समय में पूरी की?
A) 47:54
B) 48:12
C) 49:00
D) 46:30
उत्तर: A) 47:54

3. भारत में 35 किमी रेसवॉक के राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक कौन हैं?
A) संदीप कुमार
B) राम बाबू
C) प्रियांका गोस्वामी
D) गुरमीत सिंह
उत्तर: B) राम बाबू

4. ऑस्ट्रियन रेसवॉकिंग चैंपियनशिप 2025 कहां आयोजित हुई?
A) वियना
B) साल्ज़बर्ग
C) इंसब्रुक
D) ग्राज़
उत्तर: C) इंसब्रुक

5. पुरुषों की 35 किमी रेसवॉक में चेक गणराज्य के किस खिलाड़ी ने गोल्ड जीता?
A) जारोमिर मोरावेक
B) जेरोम कैप्रीस
C) संदीप कुमार
D) जान जेलेज्नी
उत्तर: A) जारोमिर मोरावेक


UPSC शैली FAQs (Answer Writing Format में)

Q1. हाल ही में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय रेसवॉकर्स की उपलब्धियों पर चर्चा कीजिए और बताइए कि यह भारत की एथलेटिक्स संभावना के लिए क्यों महत्वपूर्ण है।

उत्तर:
भारतीय रेसवॉकर्स ने हाल में आयोजित ऑस्ट्रियन रेसवॉकिंग चैंपियनशिप 2025 में शानदार प्रदर्शन किया। प्रियांका गोस्वामी ने महिला 10 किमी रेसवॉक में 47:54 का समय लेकर गोल्ड मेडल जीता। यह उनकी सीजन की पहली जीत है और आगामी एशियाई खेलों व ओलंपिक के लिए महत्वपूर्ण संकेत है। वहीं संदीप कुमार और राम बाबू ने पुरुषों की 35 किमी रेसवॉक में सिल्वर और ब्रॉन्ज हासिल कर भारत की ताकत को साबित किया। यह प्रदर्शन भारत की एथलेटिक्स छवि को वैश्विक मंच पर सशक्त करता है और नए खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करता है।


Q2. संदीप कुमार और राम बाबू ने भारत की रेसवॉकिंग में क्या योगदान दिया है? उनके रिकॉर्ड का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या महत्व है?

उत्तर:
संदीप कुमार और राम बाबू ने भारत की रेसवॉकिंग को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। संदीप कुमार, जो 50 किमी रेसवॉक के राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक हैं, टोक्यो ओलंपियन भी हैं। उनके अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार अच्छे प्रदर्शन से भारत की इस इवेंट में साख बढ़ी है। राम बाबू ने 35 किमी रेसवॉक में राष्ट्रीय रिकॉर्ड (2:29:56) बनाकर भारत को इस इवेंट में प्रतिस्पर्धी बनाया है। दोनों खिलाड़ियों के रिकॉर्ड भारत को उन देशों की पंक्ति में खड़ा करते हैं जो इस खेल में पारंपरिक रूप से मजबूत माने जाते हैं।


Q3. अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं जैसे ऑस्ट्रियन रेसवॉकिंग चैंपियनशिप में भारत के प्रदर्शन से भारत की खेल कूटनीति और सॉफ्ट पावर पर क्या प्रभाव पड़ता है?

उत्तर:
ऑस्ट्रियन रेसवॉकिंग चैंपियनशिप 2025 जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रदर्शन देश की सॉफ्ट पावर को मजबूत करता है। यह न केवल भारत की खेल क्षमताओं को दिखाता है बल्कि वैश्विक मंच पर भारत की सकारात्मक छवि बनाता है। क्रिकेट और हॉकी से आगे निकलकर भारत अब एथलेटिक्स और रेसवॉकिंग जैसे क्षेत्रों में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहा है। ऐसे प्रदर्शन खेल विज्ञान, प्रशिक्षण और अंतरराष्ट्रीय खेल सहयोग को बढ़ावा देने में सहायक होते हैं और भारत की खेल कूटनीति को नई दिशा प्रदान करते हैं।