SSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए मुख्य बिंदु

  • शुरुआत: भारत में पहली बार 2026 में घरेलू आय वितरण पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण किया जाएगा, जिसे NSS (National Sample Survey) द्वारा MoSPI के अंतर्गत संचालित किया जाएगा।
  • पिछले प्रयास: 1955, 1958–59, 1964–65, 1969–70 और 1983–84 में आय संबंधी जानकारी एकत्र की गई थी, लेकिन कोई भी सर्वे अखिल भारतीय स्तर तक नहीं पहुंच सका।
  • उद्देश्य: भारत की आर्थिक संरचना में आए बदलावों के बीच आय वितरण को बेहतर ढंग से समझना और नीति निर्माण में सहायक डेटा देना।
  • तकनीकी विशेषज्ञ समिति (TEG): अध्यक्ष डॉ. सुरजीत भल्ला (पूर्व IMF कार्यकारी निदेशक) के नेतृत्व में बनाई गई, जिसमें ISI, NCAER, JNU, DSE, NSE जैसे संस्थानों के विशेषज्ञ शामिल हैं।
  • महत्व: यह सर्वे वेलफेयर स्कीम, टैक्स पॉलिसी और इनइक्वालिटी से संबंधित निर्णयों को डेटा-संचालित बनाएगा।

सर्वे का ऐतिहासिक संदर्भ

NSS (नेशनल सैंपल सर्वे) 1950 से भारत में विभिन्न सामाजिक-आर्थिक विषयों पर डेटा एकत्र करता रहा है, लेकिन आय पर अब तक कोई अखिल भारतीय सर्वे नहीं किया गया था।
पिछले प्रयासों में (9वां, 14वां, 19वां, 24वां राउंड और 1983–84 की पायलट स्टडी) आय के आंकड़े उपभोग और बचत के आंकड़ों से कम पाए गए, जिससे सर्वे की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हुए।

भारत में अब आर्थिक और सामाजिक रूप से कई बदलाव हो चुके हैं और इसलिए वास्तविक आय वितरण का ज्ञान आवश्यक हो गया है।


तकनीकी विशेषज्ञ समिति की भूमिका

MoSPI ने तकनीकी विशेषज्ञ समूह (TEG) का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता डॉ. सुरजीत भल्ला करेंगे। इस समिति की जिम्मेदारियां:

  • सर्वे के कॉन्सेप्ट, परिभाषाएं और टूल्स तय करना
  • सैंपल डिजाइन और डेटा एनालिसिस मेथड बनाना
  • ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, कनाडा और साउथ अफ्रीका जैसे देशों के सर्वे मॉडलों को अपनाना
  • सर्वे के जरिए टेक्नोलॉजी के प्रभाव को भी परखना
  • अंतिम रिपोर्ट और निष्कर्षों का मूल्यांकन करना

सर्वेक्षण का दायरा और लाभ

  • संभावित समय: 2026 (संभवतः फरवरी से शुरू हो सकता है)
  • उद्देश्य: भारत के विभिन्न क्षेत्रों में आय के वितरण की सटीक तस्वीर प्रस्तुत करना
  • लाभ: इस सर्वे के आधार पर कल्याणकारी योजनाओं, टैक्स और सब्सिडी नीति को बेहतर रूप से बनाया जा सकेगा

क्यों है यह सर्वे जरूरी?

  • गरीबी और असमानता को समझने में मदद करेगा
  • टारगेटेड योजनाएं बनाने में सरकार को डेटा मिलेगा
  • तकनीकी क्रांति का आय पर क्या असर है, इसकी स्पष्ट जानकारी
  • इससे नीति निर्माण आधारित और प्रभावी बन सकेगा

परीक्षोपयोगी संगठन/राज्य जानकारी

संस्था / राज्यविवरण
IMF (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष)डॉ. सुरजीत भल्ला इसके पूर्व कार्यकारी निदेशक रहे हैं। मुख्यालय: वॉशिंगटन डी.सी.
Australia, USA, Canada, South Africaअंतरराष्ट्रीय सर्वे मानकों के संदर्भ में उल्लेखित देश
ISI कोलकाताप्रोफेसर आलोक कर यहां के पूर्व प्रोफेसर रहे हैं
NCAER (National Council of Applied Economic Research)प्रो. सोनाल्दे देसाई इससे जुड़ी हैं, मुख्यालय: नई दिल्ली
JNU, DSE, NSE, University of Hyderabadप्रो. जानी-मानी आर्थिक संस्थानों से विशेषज्ञ समिति में शामिल हैं
MoSPIMinistry of Statistics & Programme Implementation – यह सर्वे का प्रमुख निकाय है

MCQ प्रश्न अभ्यास

1. भारत के घरेलू आय सर्वे 2026 के लिए TEG के अध्यक्ष कौन हैं?
A) प्रो. सोनाल्दे देसाई
B) डॉ. सुरजीत एस. भल्ला
C) प्रो. प्रवीण झा
D) डॉ. राजेश शुक्ला
उत्तर: B

2. पिछले प्रयासों को क्यों छोड़ा गया था?
A) सैंपल साइज छोटा था
B) आय का अनुमान उपभोग + बचत से कम था
C) डेटा एनालिसिस की कमी
D) राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं थी
उत्तर: B

3. सर्वे में किस क्षेत्र पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा?
A) कृषि
B) अनौपचारिक व्यापार
C) तकनीकी अपनाने का प्रभाव
D) पर्यटन
उत्तर: C

4. निम्न में से कौन-सा संस्थान TEG का हिस्सा नहीं है?
A) दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स
B) NSE
C) IIT बॉम्बे
D) ISI कोलकाता
उत्तर: C


UPSC-शैली प्रश्न और उत्तर (Model Answer Style)

Q1. भारत के 2026 इनकम सर्वेक्षण का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।

उत्तर:
परिचय: भारत सरकार द्वारा घरेलू आय वितरण को समझने हेतु 2026 में एक महत्वाकांक्षी सर्वेक्षण शुरू किया जा रहा है।
मुख्य बिंदु:

  • यह सर्वे आर्थिक असमानता, गरीबी और नीति निर्माण के लिए आवश्यक डेटा देगा।
  • कल्याणकारी योजनाओं की प्रभावशीलता को आंकने में सहायक होगा।
  • तकनीकी विकास का आमदनी पर असर भी इसमें आंका जाएगा।
    निष्कर्ष: यह सर्वे नीति निर्माण में एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम साबित होगा।

Q2. तकनीकी विशेषज्ञ समिति (TEG) की भूमिका स्पष्ट करें।

उत्तर:
परिचय: MoSPI ने TEG का गठन किया है, जो 2026 सर्वेक्षण को दिशा देगा।
मुख्य बिंदु:

  • सर्वे के टूल्स, सैंपल, परिभाषाएं और मेथड निर्धारित करना
  • अंतरराष्ट्रीय सर्वे मॉडलों को अपनाना
  • परिणामों की निगरानी और रिपोर्ट तैयार करना
    निष्कर्ष: TEG की विशेषज्ञता से सर्वे अधिक विश्वसनीय और व्यावहारिक बनेगा।

Q3. पहले के आय सर्वे असफल क्यों रहे?

उत्तर:
परिचय: भारत ने 1955–84 के बीच कई बार आय सर्वे का प्रयास किया।
मुख्य बिंदु:

  • आय के आंकड़े उपभोग और बचत से कम पाए गए
  • फील्ड सर्वे में विश्वसनीय डेटा एकत्र करने में कठिनाई
  • संस्थागत सीमाएं और डेटा एनालिसिस में दिक्कत
    निष्कर्ष: इन्हीं अनुभवों से सीखकर 2026 सर्वे को बेहतर ढंग से तैयार किया गया है।

Q4. तकनीक और आय के बीच संबंध पर सर्वे क्यों केंद्रित होगा?

उत्तर:
परिचय: भारत में तकनीकी अपनाने की रफ्तार तेजी से बढ़ी है।
मुख्य बिंदु:

  • डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप और ऑनलाइन रोजगार ने आय के पैटर्न बदले हैं
  • इस सर्वे से पता चलेगा कि तकनीक से किस वर्ग की आमदनी बढ़ी या घटी
  • नीति निर्धारण में तकनीकी इनक्लूजन का असर सामने आएगा
    निष्कर्ष: यह एक फॉरवर्ड-लुकिंग दृष्टिकोण है, जो सर्वे को आधुनिक बनाएगा।