
SSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए मुख्य बिंदु
- रायगढ़ किले में ASI और रायगढ़ विकास प्राधिकरण द्वारा प्राचीन यंत्रराज (एस्ट्रोलेब) की खोज।
- यह तांबे-पीतल से बना आयताकार यंत्र है, जिस पर संस्कृत और देवनागरी शिलालेख हैं।
- कुशावर्त झील के पास मिला, जो छत्रपति शिवाजी महाराज के काल से संबंधित है।
- शक 1519 (ई.स. 1597) का यंत्र, शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक (1674 ई.) के समय प्रयोग में रहा होगा।
- रायगढ़ किला – शिवाजी के समय मराठा साम्राज्य की राजधानी; “पूर्व का जिब्राल्टर” कहा जाता है।
- प्रमुख संरचनाएं: महादरवाजा, पालखी दरवाजा, रानिवासा, जगदीश्वर मंदिर।
- खुदाई में सिक्के, हथियार, बर्तन और अन्य ऐतिहासिक वस्तुएं भी मिलीं।
- यह यंत्र प्राचीन मराठा काल में खगोलशास्त्र और नौवहन की उन्नत जानकारी का प्रमाण है।
पूर्ण लेख (ब्लॉग)
रायगढ़ में ऐतिहासिक खोज
रायगढ़ किले में हाल ही में एक प्राचीन यंत्रराज (एस्ट्रोलेब) की खोज ने पुरातत्व जगत में हलचल मचा दी है। यह खोज भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) और रायगढ़ विकास प्राधिकरण द्वारा 10 से 12 स्थानों पर की गई खुदाई के दौरान हुई।
रायगढ़ किला: मराठा साम्राज्य की राजधानी
सह्याद्रि पर्वतमाला के उत्तर कोंकण क्षेत्र में स्थित यह किला छत्रपति शिवाजी महाराज के मराठा साम्राज्य की रणनीतिक पहाड़ी राजधानी था। इसे मूलतः चंद्रराव मोरे ने बनवाया था, जिसे शिवाजी ने 1656 ई. में अपने अधीन कर लिया और इसे नया नाम दिया। 1818 ई. में यह किला अंग्रेजों के नियंत्रण में आ गया।
प्रमुख वास्तुशिल्पीय विशेषताएं
- महादरवाजा – 20 मीटर ऊँची बुर्जों के साथ विशाल प्रवेश द्वार
- पालखी दरवाजा – शाही महिलाओं के लिए विशेष द्वार
- चित्ता दरवाजा, खूब लढा बुर्ज, नागरखाना दरवाजा, राज सदर
- रानिवासा – रानियों के लिए छह कक्षों वाला आवास
- गंगा सागर – कृत्रिम झील
- जगदीश्वर मंदिर – भगवान शिव को समर्पित कार्यरत मंदिर
- शिवाजी महाराज की समाधि – 1680 ई. में निधन के बाद निर्मित
यंत्रराज (एस्ट्रोलेब) की खोज
यह यंत्र कुशावर्त झील के ऊपर स्थित एक ऐतिहासिक हवेली के पास मिला। इसमें निम्नलिखित विशेषताएं हैं:
- तांबे और पीतल से बना आयताकार ढांचा
- संस्कृत और देवनागरी लिपि में शिलालेख
- जानवरों की आकृतियाँ (संभवतः कछुआ या साँप)
- “मुख” (सिर) और “पूँछ” (पृष्ठ) जैसे चिन्ह
यह उपकरण दिशा (उत्तर-दक्षिण) निर्धारित करने में सहायक था, जो खगोलशास्त्र और नौवहन में उपयोगी होता था।
ऐतिहासिक संदर्भ
यह यंत्र शक 1519 (ई.स. 1597) का है, जो शिवाजी के शासन से पहले का है, लेकिन इसे 1656 ई. में हुए किले के पुनर्निर्माण और 1674 ई. के राज्याभिषेक के समय उपयोग में लाया गया होगा। इससे यह पता चलता है कि मराठा प्रशासन वैज्ञानिक उपकरणों का उपयोग करता था।
व्यापक महत्व
संभाजीराजे छत्रपति के अनुसार, यह खोज शिवाजी महाराज के प्रशासन और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को उजागर कर सकती है। यह यंत्र दर्शाता है कि उस काल में खगोलशास्त्र का उपयोग वास्तुकला और शासन में होता था।
संरक्षण और अध्ययन
ASI (मुंबई सर्कल) इस यंत्र का रासायनिक संरक्षण करेगा और बाद में इसे संग्रहालय में रखा जाएगा। शिवराई सिक्के, दीपक, बर्तन और हथियार जैसे अन्य पुरावशेषों को भी संरक्षित किया गया है। शोधकर्ता इस यंत्र का आगे अध्ययन कर मराठा कालीन नौवहन और प्रशासन में इसके उपयोग को समझने का प्रयास करेंगे।
राज्य और ऐतिहासिक संदर्भ
महाराष्ट्र (राज्य):
- राजधानी: मुंबई (गर्मी), नागपुर (सर्दी)
- मुख्यमंत्री (2025): एकनाथ शिंदे
- राज्यपाल: रमेश बैस
- प्रमुख नदियाँ: गोदावरी, कृष्णा, भीमा, तापी
- प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान: संजय गांधी, ताडोबा, नवेगांव, पेंच
- प्रमुख किले: रायगढ़, सिंहगढ़, प्रतापगढ़, शिवनेरी
ASI (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण):
- स्थापना: 1861
- मंत्रालय: भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय
- कार्य: पुरातात्विक स्थलों का संरक्षण एवं शोध
संभावित MCQs (प्रश्नोत्तरी)
Q1. प्राचीन यंत्रराज (एस्ट्रोलेब) की हालिया खोज कहाँ हुई?
A. सिंहगढ़ किला
B. शिवनेरी किला
C. रायगढ़ किला
D. प्रतापगढ़ किला
Q2. शक 1519 का अनुमानित ग्रेगोरियन वर्ष क्या है?
A. 1674
B. 1597
C. 1656
D. 1600
Q3. रायगढ़ में मिला एस्ट्रोलेब किस धातु का है?
A. लोहा
B. सोना
C. तांबा-पीतल
D. चाँदी
Q4. रायगढ़ किले का निर्माण मूलतः किसने करवाया था?
A. चंद्रराव मोरे
B. शाहू महाराज
C. फतेह खान
D. शिवाजी के पिता
Q5. रायगढ़ के जगदीश्वर मंदिर में किस देवता की पूजा होती है?
A. विष्णु
B. शिव
C. गणेश
D. दुर्गा
Q6. रायगढ़ किले की वस्तुओं के संरक्षण का कार्य कौन करता है?
A. INTACH
B. केवल रायगढ़ विकास प्राधिकरण
C. ASI मुंबई सर्कल
D. महाराष्ट्र राज्य अभिलेखागार