SSC / UPSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए मुख्य बिंदु

  • शुभांशु शुक्ला बने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर कदम रखने वाले पहले भारतीय
  • मिशन: Axiom-4 (Ax-4), एक निजी व्यावसायिक अंतरिक्ष मिशन।
  • प्रक्षेपण तिथि: 26 जून 2025, स्थान: केनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा (अमेरिका)
  • ग्रुप कैप्टन शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय, राकेश शर्मा के बाद।
  • सहयोगी संस्थाएं: NASA, ISRO, ESA, SpaceX
  • ISRO ने ₹500 करोड़ (लगभग $59 मिलियन) खर्च किए प्रशिक्षण और स्थान के लिए।
  • मिशन उद्देश्य: 60 वैज्ञानिक प्रयोग, जिनमें से 7 ISRO द्वारा तैयार किए गए।
  • ISS पर रहने की अवधि: 2 सप्ताह
  • यान का नाम: “Grace”, जो सौंदर्य और सद्भाव का प्रतीक है।
  • “Joy” नाम का खिलौना हंस, ज़ीरो ग्रैविटी संकेतक के रूप में साथ गया।

मिशन का पूरा विवरण

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की ऐतिहासिक उपलब्धि

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने इतिहास रच दिया है, वे अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर कदम रखने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। यह मिशन Axiom-4 (Ax-4) नामक निजी कमर्शियल मिशन है, जो SpaceX द्वारा संचालित है।
26 जून 2025 को यान ने फ्लोरिडा से उड़ान भरी और 27 जून को ISS से डॉकिंग की।

वे राकेश शर्मा के बाद दूसरे भारतीय हैं जिन्होंने अंतरिक्ष यात्रा की, लेकिन ISS तक पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं।


Axiom-4 (Ax-4) मिशन की जानकारी

  • मिशन प्रकार: निजी मानव अंतरिक्ष उड़ान
  • ऑपरेटर: Axiom Space (USA)
  • उड़ान तिथि: 26 जून 2025
  • डॉकिंग तिथि: 27 जून 2025
  • क्रू सदस्य:
    • कमांडर: पेगी व्हिटसन (NASA अनुभवी)
    • पायलट: ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (भारत)
    • स्लावोस्ज उज़नांस्की (पोलैंड)
    • टिबोर कापु (हंगरी)

यान का नाम “Grace” रखा गया, जो विज्ञान और आध्यात्म का सुंदर समन्वय दर्शाता है।


ISRO की भूमिका और भारत की अंतरिक्ष योजनाएं

ISRO ने ₹500 करोड़ का निवेश किया ताकि ग्रुप कैप्टन शुक्ला को प्रशिक्षण और मिशन में स्थान मिल सके।
ISRO के 7 वैज्ञानिक प्रयोग भी इस मिशन में शामिल हैं।

इससे भारत को भविष्य के Gaganyaan मिशन (2027) के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त होगा।
ISRO का लक्ष्य है कि 2035 तक अपना अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करे और 2040 तक मानव को चंद्रमा पर भेजे


प्रतीकात्मकता: Grace और Joy

एक छोटा सफेद खिलौना हंस “Joy”, क्रू के साथ भेजा गया जो Zero-Gravity Indicator का काम करता है।
शुक्ला ने बताया कि यह हंस “विवेक और ध्यान की शक्ति” का प्रतीक है — आज के समय में अत्यंत प्रासंगिक।


ग्रुप कैप्टन शुक्ला का पहला अनुभव

एक लाइव संदेश में शुक्ला ने कहा:

“क्या शानदार सफर था! अंतरिक्ष में तैरने का अनुभव अद्भुत है… मैं फिर से शिशु की तरह चलना, खाना, पढ़ना सीख रहा हूं।”

उन्हें शुरू में थोड़ा असहज महसूस हुआ, लेकिन बाद में उन्होंने बताया कि वे अच्छी नींद ले रहे हैं और अनुभव का आनंद ले रहे हैं।


संबंधित देश और संगठनों की परीक्षा उपयोगी जानकारी

भारत (ISRO)

  • राजधानी: नई दिल्ली
  • प्रधानमंत्री: नरेंद्र मोदी
  • ISRO मुख्यालय: बेंगलुरु
  • प्रमुख मिशन: चंद्रयान, मंगलयान, गगनयान
  • प्रमुख नदियाँ: गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र
  • राष्ट्रीय उद्यान: जिम कॉर्बेट, काजीरंगा, गिर

संयुक्त राज्य अमेरिका (NASA)

  • अंतरिक्ष एजेंसी: NASA
  • लॉन्च साइट: केनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा
  • प्रमुख मिशन: आर्टेमिस, अपोलो, मार्स रोवर

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA)

  • सदस्य देश: फ्रांस, जर्मनी, इटली, पोलैंड आदि
  • मुख्यालय: पेरिस, फ्रांस
  • प्रमुख कार्यक्रम: कॉपरनिकस, गैलीलियो, एक्सोमार्स

SpaceX

  • CEO: एलन मस्क
  • प्रसिद्ध रॉकेट: फाल्कन 9, स्टारशिप
  • सहयोग: अंतरिक्ष यात्रियों को ISS तक भेजना

MCQ – परीक्षा आधारित प्रश्न

Q1. ISS पर कदम रखने वाले पहले भारतीय कौन बने?
a) कल्पना चावला
b) राकेश शर्मा
c) शुभांशु शुक्ला
d) सुनीता विलियम्स
उत्तर: c) शुभांशु शुक्ला

Q2. ग्रुप कैप्टन शुक्ला को ISS तक ले जाने वाला मिशन कौन-सा था?
a) आर्टेमिस-II
b) Axiom-4
c) गगनयान-1
d) सोयूज-T13
उत्तर: b) Axiom-4

Q3. Ax-4 क्रू द्वारा zero-gravity दिखाने के लिए कौन सा खिलौना लिया गया था?
a) टाइगर
b) ईगल
c) हंस
d) सैटेलाइट
उत्तर: c) हंस

Q4. ISRO ने ग्रुप कैप्टन शुक्ला की ट्रेनिंग और सीट के लिए कितनी राशि दी?
a) ₹1000 करोड़
b) ₹100 करोड़
c) ₹500 करोड़
d) ₹300 करोड़
उत्तर: c) ₹500 करोड़

Q5. Ax-4 मिशन में ISRO के साथ कौन-कौन से संगठन जुड़े थे?
a) ESA
b) NASA
c) SpaceX
d) उपरोक्त सभी
उत्तर: d) उपरोक्त सभी


UPSC-शैली के FAQs और उत्तर

Q1. ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की ISS यात्रा भारत के लिए रणनीतिक रूप से क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर:
यह मिशन भारत को अंतरराष्ट्रीय मानवीय अंतरिक्ष मिशनों में अनुभव दिलाने वाला पहला कदम है। इससे ISRO को गगनयान मिशन के लिए आवश्यक जीवन समर्थन, अंतरिक्ष दवा, और अंतरराष्ट्रीय क्रू समन्वय का अनुभव मिलेगा। यह भारत को भविष्य की अंतरिक्ष रणनीतियों के लिए सक्षम बनाता है।


Q2. Axiom-4 जैसे अंतरराष्ट्रीय सहयोग भारत की अंतरिक्ष कूटनीति में कैसे सहायक हैं?

उत्तर:
इस मिशन से भारत की वैज्ञानिक और रणनीतिक साझेदारी मजबूत होती है। यह भारत को विज्ञान कूटनीति (Science Diplomacy) के माध्यम से विश्व में एक अग्रणी स्थान दिलाने में मदद करता है। ऐसे सहयोग भविष्य में चंद्र और अंतरिक्ष स्टेशन मिशनों के लिए बुनियादी नींव तैयार करते हैं।


Q3. Axiom-4 मिशन और गगनयान मिशन में क्या अंतर है?

उत्तर:
Axiom-4 एक निजी अंतरराष्ट्रीय मिशन है, जिसमें विभिन्न देशों की भागीदारी है। जबकि गगनयान पूरी तरह से भारतीय मिशन है जिसमें तकनीकी और संचालन की जिम्मेदारी ISRO की है। Axiom-4 से मिले अनुभव गगनयान के लिए आधारशिला सिद्ध होंगे।


Q4. विकासशील देशों के लिए ISS मिशन में भागीदारी क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर:
यह वैज्ञानिक अनुसंधान, वैश्विक सहयोग और तकनीकी उन्नति के लिए मंच प्रदान करता है। इससे अंतरिक्ष के क्षेत्र में नए अवसरों की खोज होती है और देश की विज्ञान नीति को मजबूती मिलती है।


Q5. Axiom Space जैसी निजी कंपनियां मानव अंतरिक्ष कार्यक्रमों में क्या योगदान देती हैं?

उत्तर:
ऐसी कंपनियां अंतरिक्ष यात्रा को सुलभ बनाती हैं, कम लागत में उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं देती हैं और अंतरिक्ष अनुसंधान को तेज करती हैं। यह सार्वजनिक संस्थाओं को उच्च-स्तरीय अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर देती हैं।