
SSC, UPSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण बिंदु
- GST दिवस हर साल 1 जुलाई को मनाया जाता है।
- पहला GST दिवस 1 जुलाई 2018 को मनाया गया था।
- GST को 1 जुलाई 2017 को लॉन्च किया गया।
- GST ने वैट, सेवा कर, उत्पाद शुल्क जैसे कई अप्रत्यक्ष करों को समाप्त किया।
- इसमें CGST, SGST और IGST का दोहरा ढांचा है।
- वित्त वर्ष 2024-25 में GST संग्रह में महाराष्ट्र सबसे आगे।
- GST की 4 मुख्य स्लैब हैं: 0%, 5%, 12%, 18%, 28%
- GST परिषद 101वां संविधान संशोधन अधिनियम के बाद गठित हुई।
- इनपुट टैक्स क्रेडिट, एंटी-प्रॉफिटियरिंग, और कंपोजिशन स्कीम इसके महत्वपूर्ण भाग हैं।
- सरकार निकट भविष्य में 3 स्लैब GST ढांचे की योजना बना रही है।
- GST से टैक्स अनुपालन बढ़ा और उपभोक्ताओं को राहत मिली।
GST Day 2025 का पूरा विवरण
GST दिवस क्यों मनाया जाता है?
गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स (GST) दिवस हर साल 1 जुलाई को मनाया जाता है, जो 2017 में GST लागू होने की ऐतिहासिक घटना की याद दिलाता है। यह भारत में अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के統一ीकरण का प्रतीक है।
GST का पहला वर्षगांठ दिवस 1 जुलाई 2018 को मनाया गया था।
GST क्या है?
GST एक उपभोग आधारित कर है जो वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर लगाया जाता है। यह आपूर्ति श्रृंखला में एक एकल कर है जिसमें हर स्तर पर इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलता है।
अंतिम उपभोक्ता केवल अंतिम डीलर द्वारा लगाया गया कर ही चुकाता है।
GST टैक्स के दोहराव को खत्म कर मूल्य वर्धन पर ही कर लगाता है।
GST का क्रमानुसार इतिहास
वर्ष | घटना |
---|---|
2000 | प्रधानमंत्री द्वारा GST की अवधारणा और समिति गठन |
2006 | बजट में GST की घोषणा |
2009 | पहला चर्चा पत्र जारी |
2014 | 122वां संविधान संशोधन विधेयक पेश |
2016 | 101वां संविधान संशोधन अधिनियम लागू |
सितम्बर 2016 | GST परिषद का गठन |
1 जुलाई 2017 | GST पूरे देश में लागू किया गया |
GST की प्रमुख विशेषताएं
- वन नेशन, वन टैक्स: केंद्र और राज्य के अनेक करों को समाप्त कर एक समान कर प्रणाली लागू की गई।
- दोहरे ढांचे में CGST, SGST और IGST शामिल हैं।
- इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) से दोहरे कर का असर खत्म होता है।
- थ्रेशोल्ड छूट से छोटे व्यापारियों को राहत दी गई।
- कंपोजिशन स्कीम छोटे कारोबारियों के लिए आसान कर भुगतान योजना है।
- ऑनलाइन अनुपालन के लिए GSTN पोर्टल उपलब्ध है।
- एंटी-प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी का गठन उपभोक्ता हित में किया गया।
- स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में छूट या कम दरें लागू हैं।
- डिजिटल प्रणाली से पारदर्शिता और कर चोरी पर रोक लगी।
- राज्य और केंद्र के बीच करों के आदान-प्रदान की व्यवस्था सुनिश्चित की गई।
अप्रैल 2025 में शीर्ष GST संग्रह राज्य (FY 2024-25)
रैंक | राज्य | GST संग्रह (₹ करोड़ में) |
---|---|---|
1 | महाराष्ट्र | 41,645 |
2 | कर्नाटक | 17,815 |
3 | गुजरात | 14,970 |
4 | तमिलनाडु | 13,831 |
5 | हरियाणा | 14,057 |
6 | उत्तर प्रदेश | 13,600 |
7 | पश्चिम बंगाल | 8,188 |
8 | तेलंगाना | 6,983 |
9 | राजस्थान | 6,228 |
10 | आंध्र प्रदेश | 4,686 |
MCQ से पहले राज्यों की तथ्यात्मक जानकारी
महाराष्ट्र
- राजधानी: मुंबई
- मुख्यमंत्री: एकनाथ शिंदे
- प्रमुख नदियाँ: गोदावरी, कृष्णा
- राष्ट्रीय उद्यान: संजय गांधी, ताडोबा-अंधारी
कर्नाटक
- राजधानी: बेंगलुरु
- मुख्यमंत्री: सिद्धारमैया
- नदियाँ: कावेरी, तुंगभद्र
- राष्ट्रीय उद्यान: बांदीपुर, नागरहोल
गुजरात
- राजधानी: गांधीनगर
- मुख्यमंत्री: भूपेंद्र पटेल
- नदियाँ: साबरमती, नर्मदा
- राष्ट्रीय उद्यान: गिर, ब्लैकबक
तमिलनाडु
- राजधानी: चेन्नई
- मुख्यमंत्री: एम. के. स्टालिन
- नदियाँ: कावेरी, वैगई
- राष्ट्रीय उद्यान: मुदुमलाई, गिंडी
उत्तर प्रदेश
- राजधानी: लखनऊ
- मुख्यमंत्री: योगी आदित्यनाथ
- नदियाँ: गंगा, यमुना, घाघरा
- राष्ट्रीय उद्यान: दुधवा
हरियाणा
- राजधानी: चंडीगढ़
- मुख्यमंत्री: नायब सैनी
- नदियाँ: यमुना, घग्घर
- राष्ट्रीय उद्यान: कलेसर
पश्चिम बंगाल
- राजधानी: कोलकाता
- मुख्यमंत्री: ममता बनर्जी
- नदियाँ: हुगली, गंगा
- राष्ट्रीय उद्यान: सुंदरबन
राजस्थान
- राजधानी: जयपुर
- मुख्यमंत्री: भजनलाल शर्मा
- नदियाँ: चंबल, लूनी
- राष्ट्रीय उद्यान: रणथंभौर, डेजर्ट
तेलंगाना
- राजधानी: हैदराबाद
- मुख्यमंत्री: रेवंत रेड्डी
- नदियाँ: गोदावरी, कृष्णा
- राष्ट्रीय उद्यान: महावीर हरिणा वन्यजीव
आंध्र प्रदेश
- राजधानी: अमरावती (प्रस्तावित), कार्यकारी राजधानी: विशाखापत्तनम
- मुख्यमंत्री: एन. चंद्रबाबू नायडू
- नदियाँ: कृष्णा, गोदावरी
- राष्ट्रीय उद्यान: पापिकोंडा
संभावित MCQs (SSC/UPSC/राज्य परीक्षा)
1. GST दिवस हर वर्ष किस दिन मनाया जाता है?
A. 1 जून
B. 1 जुलाई
C. 30 जून
D. 2 जुलाई
उत्तर: B. 1 जुलाई
2. भारत में GST आधिकारिक रूप से किस वर्ष शुरू हुआ?
A. 2016
B. 2018
C. 2017
D. 2019
उत्तर: C. 2017
3. GST किस प्रकार का कर है?
A. प्रत्यक्ष कर
B. संपत्ति कर
C. अप्रत्यक्ष कर
D. सीमा शुल्क
उत्तर: C. अप्रत्यक्ष कर
4. भारत में GST परिषद का अध्यक्ष कौन होता है?
A. किसी राज्य के वित्त मंत्री
B. RBI गवर्नर
C. प्रधानमंत्री
D. केंद्रीय वित्त मंत्री
उत्तर: D. केंद्रीय वित्त मंत्री
5. वर्ष 2025 तक भारत में कितनी GST स्लैब हैं?
A. 2
B. 3
C. 4
D. 5
उत्तर: C. 4
6. अप्रैल 2025 में सर्वाधिक GST संग्रह किस राज्य से हुआ?
A. गुजरात
B. कर्नाटक
C. तमिलनाडु
D. महाराष्ट्र
उत्तर: D. महाराष्ट्र
UPSC शैली FAQs उत्तर सहित
Q1. भारत में GST को लागू करने के लिए कौन-कौन से संवैधानिक एवं संस्थागत प्रावधान किए गए?
उत्तर:
GST के कार्यान्वयन के लिए 101वां संविधान संशोधन अधिनियम, 2016 पारित किया गया जिससे केंद्र और राज्यों को GST लगाने का अधिकार मिला। इसके तहत GST परिषद का गठन हुआ, जिसमें केंद्रीय वित्त मंत्री अध्यक्ष होते हैं। इसमें राज्यों के वित्त मंत्री व केंद्रीय राज्य मंत्री सदस्य होते हैं। परिषद कर दरें, छूट और प्रक्रियाएं तय करती है। यह सहकारी संघवाद का उत्कृष्ट उदाहरण है।
Q2. GST ने भारत के अनौपचारिक अर्थव्यवस्था और MSME क्षेत्र को कैसे प्रभावित किया है?
उत्तर:
GST से छोटे व्यापारियों को कंपोजिशन योजना और उच्च छूट सीमा से लाभ हुआ। यह उन्हें औपचारिक अर्थव्यवस्था से जोड़ता है जिससे उन्हें बैंकिंग, क्रेडिट और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म तक पहुंच मिली। हालांकि शुरुआती दिनों में तकनीकी और अनुपालन संबंधी चुनौतियां आईं, लेकिन डिजिटल प्रक्रिया और रिटर्न भरने की सरलता से पारदर्शिता बढ़ी है।
Q3. भारत में अंतरराज्यीय व्यापार को बेहतर बनाने में GST का क्या महत्व रहा है?
उत्तर:
GST से पहले अलग-अलग राज्यों के करों के कारण सीमा शुल्क, ऑक्ट्रॉय जैसी बाधाएं थीं। GST ने एक 統一 बाजार बनाया जिससे लॉजिस्टिक्स में सुधार हुआ और परिवहन समय घटा। E-Way Bill और IGST प्रणाली से सुचारु इंटरस्टेट क्रेडिट ट्रांसफर संभव हुआ। हालांकि दरों में जटिलता अभी भी चुनौती है, फिर भी यह भारत के आंतरिक व्यापार में क्रांतिकारी सुधार है।
Q4. वर्ष 2025 तक GST की प्रमुख चुनौतियाँ क्या हैं और उन्हें कैसे दूर किया जा सकता है?
उत्तर:
GST की प्रमुख चुनौतियों में दरों में अस्थिरता, ITC में विलंब, पोर्टल संबंधी तकनीकी समस्याएँ और छोटे व्यापारियों पर अनुपालन का बोझ शामिल हैं। तीन स्लैब प्रणाली, बेहतर तकनीकी आधारभूत संरचना और करदाताओं को सेवाएं बढ़ाने जैसे उपायों से इन समस्याओं को कम किया जा सकता है। राज्यों और केंद्र के बीच बेहतर समन्वय और संवाद भी आवश्यक है।