SSC, UPSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए मुख्य बिंदु

  • NAKSHA फेज 2 की क्षमता निर्माण कार्यक्रम का दूसरा बैच 16 जून 2025 से शुरू होगा
  • ग्रामीण विकास मंत्रालय के तहत भूमि संसाधन विभाग (DoLR) द्वारा आयोजित
  • शहरी भूमि सर्वेक्षण की आधुनिक तकनीकों में अधिकारियों को प्रशिक्षित करने का उद्देश्य
  • 4 राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों पर प्रशिक्षण
  • GNSS, ETS, वेब-GIS एप्लीकेशन, भूमि पार्सल मैपिंग पर मुख्य फोकस
  • 74 शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) से 128 अधिकारी भाग लेंगे
  • NAKSHA पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 27 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के 157 ULBs में शुरू किया गया
  • सर्वे ऑफ इंडिया, NICSI, MPSeDC, और 5 उत्कृष्टता केंद्रों के सहयोग से क्रियान्वयन

NAKSHA फेज 2 के दूसरे बैच प्रशिक्षण का अवलोकन

राष्ट्रीय भू-स्थानिक ज्ञान आधारित शहरी आवास भूमि सर्वेक्षण (NAKSHA) एक ऐसी पहल है जो शहरी भूमि अभिलेखों का आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण करने पर केंद्रित है। इसका फेज 2 का दूसरा बैच 16 जून 2025 से शुरू होगा। यह सप्ताह भर का प्रशिक्षण कार्यक्रम भूमि संसाधन विभाग (DoLR), ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित किया जा रहा है। यह प्रशिक्षण शहरी स्थानीय निकायों और जिला प्रशासन के अधिकारियों को लक्षित करता है।


प्रशिक्षण के उद्देश्य और कवरेज

  • कौशल संवर्धन: अधिकारियों को GNSS, ETS सर्वेक्षण, वेब-GIS एप्लीकेशन, और शहरी भूमि पार्सल मैपिंग में प्रशिक्षित किया जाएगा।
  • कानूनी ढांचा: शहरी भूमि अभिलेखों से जुड़े कानूनी और प्रशासनिक ढांचे पर सत्र होंगे।
  • प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र:
    • YASHADA, पुणे
    • ATI, मैसूर
    • MGSIPA, चंडीगढ़
    • नॉर्थ-ईस्ट रीजन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, गुवाहाटी

NAKSHA की अब तक की उपलब्धियां

  • फेज 1 और फेज 2 के पहले बैच में 300+ मास्टर ट्रेनर्स और ULB अधिकारियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
  • पायलट प्रोजेक्ट में 27 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के 157 ULBs को कवर किया गया।

संबंधित संगठन और राज्यों की महत्वपूर्ण जानकारी

भूमि संसाधन विभाग (DoLR)

  • मंत्रालय: ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार
  • मुख्य भूमिका: भूमि संसाधनों से जुड़े नीतियों का निर्माण व क्रियान्वयन

सर्वे ऑफ इंडिया

  • स्थापना: 1767
  • मंत्रालय: विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग
  • मुख्यालय: देहरादून, उत्तराखंड
  • भूमिका: राष्ट्रीय मानचित्रण और सर्वेक्षण एजेंसी

YASHADA

  • स्थान: पुणे, महाराष्ट्र
  • भूमिका: सरकारी अधिकारियों का प्रशिक्षण केंद्र

ATI

  • स्थान: मैसूर, कर्नाटक
  • भूमिका: कर्नाटक सरकार का राज्य स्तरीय प्रशिक्षण संस्थान

MGSIPA

  • स्थान: चंडीगढ़
  • भूमिका: पंजाब सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों का प्रशिक्षण

नॉर्थ ईस्ट रीजन सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

  • स्थान: गुवाहाटी, असम
  • भूमिका: उत्तर पूर्वी राज्यों के अधिकारियों का क्षमता निर्माण

असम

  • राजधानी: दिसपुर
  • मुख्यमंत्री: हिमंत बिस्व सरमा (2025)
  • प्रमुख नदियां: ब्रह्मपुत्र, बराक
  • राष्ट्रीय उद्यान: काजीरंगा, मानस, नामेरी

महाराष्ट्र

  • राजधानी: मुंबई
  • मुख्यमंत्री: एकनाथ शिंदे (2025)
  • प्रमुख नदियां: गोदावरी, कृष्णा
  • राष्ट्रीय उद्यान: ताडोबा, संजय गांधी नेशनल पार्क

कर्नाटक

  • राजधानी: बेंगलुरु
  • मुख्यमंत्री: सिद्धारमैया (2025)
  • प्रमुख नदियां: कावेरी, तुंगभद्रा
  • राष्ट्रीय उद्यान: बांदीपुर, नागरहोल

पंजाब

  • राजधानी: चंडीगढ़
  • मुख्यमंत्री: भगवंत मान (2025)
  • प्रमुख नदियां: सतलुज, ब्यास
  • राष्ट्रीय उद्यान: हरिके, अबोहर

NAKSHA पर संभावित MCQ

Q1. NAKSHA फेज 2 के दूसरे बैच की शुरुआत किस मंत्रालय के तहत हुई?
A) आवास और शहरी कार्य मंत्रालय
B) ग्रामीण विकास मंत्रालय
C) पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय
D) पर्यावरण मंत्रालय

उत्तर: B) ग्रामीण विकास मंत्रालय


Q2. NAKSHA फेज 2 के प्रशिक्षण में किस तकनीक पर मुख्य जोर है?
A) ब्लॉकचेन
B) GNSS और ETS
C) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
D) ड्रोन सर्विलांस

उत्तर: B) GNSS और ETS


Q3. YASHADA संस्थान कहां स्थित है?
A) गुवाहाटी
B) पुणे
C) मैसूर
D) चंडीगढ़

उत्तर: B) पुणे


Q4. सर्वे ऑफ इंडिया किस मंत्रालय के अंतर्गत काम करता है?
A) विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय
B) कृषि मंत्रालय
C) रक्षा मंत्रालय
D) ग्रामीण विकास मंत्रालय

उत्तर: A) विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय


UPSC स्टाइल FAQ (मॉडल उत्तर के साथ)

Q1. NAKSHA शहरी भूमि अभिलेखों के आधुनिकीकरण में क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर:
NAKSHA भारत में शहरी भूमि अभिलेखों के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। GNSS, ETS, और Web-GIS जैसी तकनीकों के उपयोग से यह भूमि पार्सलों का सटीक मानचित्रण सुनिश्चित करता है। यह पहल भूमि विवादों के समाधान, शहरी नियोजन और प्रशासन में पारदर्शिता और दक्षता लाने में मदद करती है। इसके प्रशिक्षण कार्यक्रम शहरी निकायों की संस्थागत क्षमता को सुदृढ़ करने में सहायक हैं।


Q2. NAKSHA के क्रियान्वयन में DoLR और इसके भागीदारों की क्या भूमिका है?

उत्तर:
भूमि संसाधन विभाग (DoLR) NAKSHA का नोडल एजेंसी है, जो नीति निर्माण, समन्वय और निगरानी की जिम्मेदारी निभाता है। सर्वे ऑफ इंडिया तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करता है जबकि NICSI, MPSeDC और अन्य उत्कृष्टता केंद्र तकनीकी अवसंरचना और प्रशिक्षण सहयोग देते हैं। यह बहु-हितधारक साझेदारी शहरी भूमि अभिलेखों का मानकीकरण और आधुनिकीकरण सुनिश्चित करती है।


Q3. NAKSHA जैसे कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में क्या चुनौतियां हो सकती हैं और इन्हें कैसे दूर किया जा सकता है?

उत्तर:
मुख्य चुनौतियों में स्थानीय स्तर पर क्षमता की कमी, तकनीकी अपनाने में बाधाएं और विभिन्न एजेंसियों में समन्वय की कमी शामिल हैं। इन्हें दूर करने के लिए चरणबद्ध प्रशिक्षण, उपयोगकर्ता-अनुकूल तकनीकी समाधान और ठोस समन्वय तंत्र आवश्यक हैं। इसके अलावा, सामुदायिक भागीदारी और भूमि अधिकारों की कानूनी स्पष्टता इस कार्यक्रम की सफलता में सहायक हो सकती है।