
SSC, UPSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य
- भारत की रैंक (2025): 148 देशों में से 131वां (2024 में 129वां)
- लिंग समानता स्कोर: 64.1% — दक्षिण एशिया में सबसे कम स्कोर वाले देशों में शामिल
- शीर्ष प्रदर्शन करने वाला देश (वैश्विक): आइसलैंड (लगातार 16वीं बार पहले स्थान पर)
- दक्षिण एशिया में शीर्ष प्रदर्शन: बांग्लादेश (वैश्विक रैंक 24)
- भारत का आर्थिक भागीदारी स्कोर: 40.7% (थोड़ा सुधार)
- शैक्षिक उपलब्धि स्कोर: 97.1%
- स्वास्थ्य और उत्तरजीविता स्कोर: लिंगानुपात और जीवन प्रत्याशा में सुधार
- राजनीतिक सशक्तिकरण स्कोर: संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व घटकर 13.8%, मंत्री पदों पर महिलाएं 5.6%
विषय की पूरी जानकारी
H1: ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स 2025 में भारत की स्थिति
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) द्वारा जारी ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2025 में भारत 131वें स्थान पर आ गया है। भारत का 64.1% लिंग समानता स्कोर इसे दक्षिण एशिया के सबसे कम स्कोर वाले देशों में रखता है।
H2: इंडेक्स किन चार क्षेत्रों में समानता आंकता है
यह रिपोर्ट चार प्रमुख क्षेत्रों में लिंग समानता को मापती है:
- आर्थिक भागीदारी और अवसर
- शैक्षिक उपलब्धि
- स्वास्थ्य और उत्तरजीविता
- राजनीतिक सशक्तिकरण
H3: प्रत्येक क्षेत्र में भारत का प्रदर्शन
आर्थिक भागीदारी और अवसर
भारत ने यहां थोड़ा सुधार दिखाया, स्कोर 40.7% हो गया। अनुमानित अर्जित आय में समानता 28.6% से बढ़कर 29.9% हुई। श्रम भागीदारी समानता 45.9% पर बनी रही।
शैक्षिक उपलब्धि
यहां 97.1% समानता दर्शाती है कि महिला साक्षरता और उच्च शिक्षा में दाखिले में सुधार हुआ है।
स्वास्थ्य और उत्तरजीविता
लिंगानुपात और जीवन प्रत्याशा में सुधार के कारण स्कोर बेहतर हुआ।
राजनीतिक सशक्तिकरण
यहां गिरावट आई — संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 13.8%, मंत्री पदों पर महिलाएं 5.6%, जो 2019 के 30% के शिखर से बहुत कम है।
H2: भारत की वैश्विक तुलना
- आइसलैंड लगातार 16वीं बार पहले स्थान पर है।
- बांग्लादेश दक्षिण एशिया में सर्वोत्तम, वैश्विक रैंक 24।
- वैश्विक लिंग अंतर 68.8% तक बंद हो गया है, जो कोविड के बाद सबसे मजबूत प्रगति है।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य
- स्थापना: 1971
- मुख्यालय: कोलोग्नी, स्विट्जरलैंड
- संस्थापक: क्लाउस श्वाब
- प्रसिद्ध रिपोर्टें: डावोस शिखर सम्मेलन, ग्लोबल कॉम्पिटिटिवनेस रिपोर्ट, ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट
अभ्यास के लिए MCQ
Q1. ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स 2025 में भारत की रैंक क्या है?
A) 129
B) 131
C) 124
D) 135
सही उत्तर: B) 131
Q2. ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स 2025 में कौन सा देश शीर्ष पर है?
A) फिनलैंड
B) नॉर्वे
C) आइसलैंड
D) न्यूज़ीलैंड
सही उत्तर: C) आइसलैंड
Q3. 2025 रिपोर्ट में भारत का लिंग समानता स्कोर कितना है?
A) 66.2%
B) 64.1%
C) 68.8%
D) 62.5%
सही उत्तर: B) 64.1%
Q4. 2025 ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स में दक्षिण एशिया में सर्वोत्तम रैंक वाला देश कौन है?
A) नेपाल
B) श्रीलंका
C) बांग्लादेश
D) भूटान
सही उत्तर: C) बांग्लादेश
UPSC स्टाइल FAQs (उत्तर उत्तरलेखन प्रारूप में)
Q1. ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स 2025 में भारत के प्रदर्शन का आलोचनात्मक मूल्यांकन करें।
उत्तर:
ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स 2025 में भारत का प्रदर्शन मिश्रित रहा। भारत 131वें स्थान पर रहा, जो 2024 की तुलना में दो पायदान नीचे है। 64.1% स्कोर दक्षिण एशिया में भारत की कमजोर स्थिति को दर्शाता है।
सकारात्मक पक्ष पर, आर्थिक भागीदारी में थोड़ी प्रगति हुई — अर्जित आय समानता बढ़कर 29.9% हुई और श्रम भागीदारी 45.9% पर बनी रही। शैक्षिक उपलब्धि में 97.1% समानता दिखी, जो महिला साक्षरता और उच्च शिक्षा में वृद्धि का संकेत देती है। स्वास्थ्य क्षेत्र में भी लिंगानुपात और जीवन प्रत्याशा में सुधार हुआ।
लेकिन सबसे चिंता का विषय राजनीतिक सशक्तिकरण में गिरावट है। संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व घटकर 13.8% और मंत्री पदों पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व 5.6% पर आ गया है।
निष्कर्षतः, भारत को राजनीतिक नेतृत्व और आर्थिक अवसरों में गहरी संरचनात्मक सुधार की आवश्यकता है ताकि समग्र लिंग समानता हासिल की जा सके।
Q2. वैश्विक लिंग समानता को बढ़ावा देने में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की भूमिका पर चर्चा करें।
उत्तर:
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) वैश्विक लिंग समानता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 2006 से यह ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट प्रकाशित करता है, जो आर्थिक भागीदारी, शिक्षा, स्वास्थ्य और राजनीतिक सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में देशों की रैंकिंग करता है।
इस वार्षिक रिपोर्ट से सरकारों को नीतिगत लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने और जवाबदेही सुनिश्चित करने में मदद मिलती है। WEF अपने ग्लोबल फ्यूचर काउंसिल्स और जेंडर गैप एक्सेलेरेटर के माध्यम से सरकारों और कंपनियों के साथ साझेदारी कर नीतियां बनाता है।
अंततः, WEF के डेटा, बेंचमार्किंग और नीतिगत सुझावों ने वैश्विक स्तर पर लिंग समानता के लिए एक ठोस मंच तैयार किया है।