SSC, UPSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

  • भारत की बेरोजगारी दर मई 2025 में बढ़कर 5.6% हो गई, जो अप्रैल 2025 में 5.1% थी।
  • बेरोजगारी में यह वृद्धि कटाई के बाद कृषि रोजगार में गिरावट के कारण हुई।
  • शहरी युवा (15-29 वर्ष) बेरोजगारी दर मई में 17.9% हो गई (अप्रैल में 17.2%)।
  • ग्रामीण युवा बेरोजगारी मई में 13.7% रही (अप्रैल में 12.3% थी)।
  • मई में ग्रामीण कृषि क्षेत्र में काम करने वालों का हिस्सा 43.5% रह गया (अप्रैल में 45.9% था)।
  • महिला श्रम भागीदारी दर 27.8% पर आ गई (अप्रैल में 28.8%)।
  • मई 2025 में निर्माण क्षेत्र की वृद्धि 3 महीने के न्यूनतम स्तर पर रही।

विस्तृत विवरण

मई 2025 में भारत की बेरोजगारी स्थिति

मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार भारत की कुल बेरोजगारी दर मई 2025 में बढ़कर 5.6% हो गई, जो अप्रैल 2025 में 5.1% थी। इसका मुख्य कारण कटाई के बाद कृषि क्षेत्र में रोजगार की कमी रहा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी बढ़ी।

शहरी और ग्रामीण युवा बेरोजगारी रुझान

शहरी युवा (15-29 वर्ष) बेरोजगारी दर मई में 17.9% पहुंच गई, जबकि अप्रैल में यह 17.2% थी। इसी तरह, ग्रामीण युवा बेरोजगारी दर मई में 13.7% रही, जो अप्रैल में 12.3% थी।

ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि रोजगार में हिस्सा अप्रैल के 45.9% से घटकर मई में 43.5% रह गया।

महिलाओं पर प्रभाव

ग्रामीण महिलाओं के लिए काम के अवसर कम हो गए, जिससे उनकी श्रम भागीदारी दर मई में घटकर 27.8% रह गई (अप्रैल में 28.8% थी)। यह कृषि कार्य समाप्त होने के बाद रोजगार अवसरों में कमी के कारण हुआ।

विनिर्माण और आर्थिक दृष्टिकोण

भारत का विनिर्माण क्षेत्र मई में कमजोर मांग, मूल्य दबाव और भू-राजनीतिक तनावों के कारण तीन महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया।
साथ ही, भारत की अर्थव्यवस्था ने जनवरी-मार्च तिमाही में 7.4% की दर से वृद्धि की और वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5% वृद्धि का अनुमान है।


भारत से संबंधित तथ्य (परीक्षा उपयोगी)

  • देश: भारत
  • राजधानी: नई दिल्ली
  • प्रधानमंत्री: नरेंद्र मोदी (जून 2025 तक)
  • राष्ट्रपति: द्रौपदी मुर्मू (जून 2025 तक)
  • मुद्रा: भारतीय रुपया (INR)
  • Q4 FY25 GDP वृद्धि: 7.4%
  • FY26 अनुमानित GDP वृद्धि: 6.5%

संभावित परीक्षा MCQs

Q1. मई 2025 में भारत की बेरोजगारी दर क्या थी?
A) 5.1%
B) 5.6%
C) 6.0%
D) 4.9%

उत्तर: B) 5.6%


Q2. मई 2025 में शहरी युवा (15-29 वर्ष) बेरोजगारी दर कितनी थी?
A) 17.9%
B) 16.5%
C) 17.2%
D) 18.5%

उत्तर: A) 17.9%


Q3. मई 2025 में ग्रामीण कृषि रोजगार में हिस्सेदारी कितनी रही?
A) 43.5%
B) 45.9%
C) 47.0%
D) 42.0%

उत्तर: A) 43.5%


Q4. मई 2025 में भारत के विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि किस कारण धीमी रही?
A) मजबूत मांग
B) उच्च निर्यात
C) कमजोर मांग और भू-राजनीतिक तनाव
D) बढ़ते कृषि रोजगार

उत्तर: C) कमजोर मांग और भू-राजनीतिक तनाव


UPSC स्टाइल FAQs उत्तर लेखन प्रारूप में

Q1. मई 2025 में भारत की बेरोजगारी दर बढ़ने के प्रमुख कारण क्या थे? (150 शब्दों में उत्तर दें)

उत्तर:
मई 2025 में भारत की बेरोजगारी दर 5.6% पर पहुंच गई, जो अप्रैल में 5.1% थी। इसके पीछे मुख्य कारण कृषि क्षेत्र में मौसमी रोजगार की कमी रही। कटाई का मौसम समाप्त होने के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीण श्रमिक बेरोजगार हो गए। इस दौरान विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि भी कमजोर रही, जिससे कृषि से बाहर हुए श्रमिकों को वैकल्पिक रोजगार नहीं मिल सका। कमजोर मांग, मूल्य दबाव और वैश्विक भू-राजनीतिक तनाव ने विनिर्माण को प्रभावित किया। इस स्थिति का असर महिलाओं और युवाओं पर अधिक पड़ा, जहां महिला श्रम भागीदारी घटी और शहरी-ग्रामीण युवाओं में बेरोजगारी दर बढ़ी। इस प्रकार मौसमी कृषि रोजगार की गिरावट और औद्योगिक क्षेत्र की चुनौतियों ने बेरोजगारी में वृद्धि की।


Q2. भारत में कृषि क्षेत्र का मौसमी रोजगार ग्रामीण बेरोजगारी पर कैसे प्रभाव डालता है?

उत्तर:
भारत में कृषि क्षेत्र का मौसमी स्वरूप ग्रामीण बेरोजगारी दर को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है। बुवाई और कटाई के समय रोजगार के अवसर बढ़ जाते हैं जबकि इन कार्यों के पूरा होने के बाद श्रमिकों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ता है। मई 2025 में कटाई समाप्त होने के बाद कृषि कार्यों की मांग घटने से ग्रामीण बेरोजगारी में वृद्धि हुई। यह स्थिति ग्रामीण श्रमिकों की आजीविका को अस्थिर करती है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में गैर-कृषि रोजगार के विकास की आवश्यकता को रेखांकित करती है।


Q3. भारत में विनिर्माण क्षेत्र ग्रामीण अधिशेष श्रमिकों को रोजगार देने में कैसे भूमिका निभा सकता है?

उत्तर:
भारत में विनिर्माण क्षेत्र ग्रामीण अधिशेष श्रमिकों को कृषि के बाद स्थायी रोजगार देने की क्षमता रखता है। हालांकि, मई 2025 में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि कमजोर रही, जिससे यह अतिरिक्त श्रमिकों को पर्याप्त रोजगार नहीं दे सका। कमजोर घरेलू मांग और वैश्विक अस्थिरता ने इस क्षेत्र में रोजगार सृजन को प्रभावित किया। यदि विनिर्माण क्षेत्र में निवेश, कौशल विकास और बुनियादी ढांचे को बढ़ावा दिया जाए तो यह कृषि पर निर्भरता को घटाकर ग्रामीण बेरोजगारी की समस्या को कम कर सकता है।