
SSC, UPSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण बिंदु:
- बिहार को मिलेगा अपना पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र।
- संयंत्र Small Modular Reactor (SMR) तकनीक पर आधारित होगा।
- ₹20,000 करोड़ के राष्ट्रीय न्यूक्लियर मिशन के तहत स्वीकृत।
- घोषणा केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने की।
- बिहार को 1,000 मेगावाट बैटरी स्टोरेज परियोजना की भी मंजूरी।
- 6 महीने तक बिहार को अतिरिक्त 500 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होगी।
- केंद्र की 2035 पावर विजन योजना का हिस्सा।
- बिहार को पहली बार केंद्रीय परमाणु ऊर्जा विस्तार योजना में शामिल किया गया।
विस्तृत जानकारी
परिचय
बिहार की ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक पहल के तहत राज्य को भारत के नए राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा मिशन के अंतर्गत पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र मिलने जा रहा है। यह मिशन केंद्रीय बजट 2025-26 में ₹20,000 करोड़ के बजटीय प्रावधान के साथ घोषित किया गया था। यह योजना भारत के छह प्रारंभिक राज्यों में से एक के रूप में बिहार को शामिल करती है।
राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा मिशन क्या है?
यह मिशन:
- हर राज्य में एक परमाणु संयंत्र स्थापित करने का लक्ष्य रखता है।
- भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए दीर्घकालिक, स्वच्छ और भरोसेमंद ऊर्जा प्रदान करता है।
- Small Modular Reactors (SMRs) जैसी नई तकनीक का उपयोग करता है जो अधिक सुरक्षित और लागत प्रभावी है।
बिहार की भूमिका SMR रोलआउट में
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने घोषणा की कि बिहार की मांग को स्वीकार करते हुए राज्य में SMR आधारित संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
प्रमुख बातें:
- संयंत्र का स्थान और आकार जल्द तय किया जाएगा।
- बिहार को 1,000 मेगावाट बैटरी स्टोरेज परियोजना की भी मंजूरी मिली है, जिसमें प्रति मेगावाट ₹18 लाख की वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) दी जाएगी।
- केंद्र द्वारा 6 महीने तक 500 मेगावाट अतिरिक्त बिजली की आपूर्ति की जाएगी।
बिहार के लिए इस परियोजना का महत्व
- बिहार में लंबे समय से बिजली की कमी और बुनियादी ढांचे की चुनौतियां रही हैं।
- यह संयंत्र स्थिर बिजली आपूर्ति और औद्योगिक विकास में सहायक होगा।
- राज्य विधानसभा चुनाव से पहले यह परियोजना राजनीतिक और आर्थिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
Small Modular Reactors (SMRs) क्या हैं?
SMRs:
- अगली पीढ़ी के परमाणु रिएक्टर हैं जिनमें उन्नत सुरक्षा विशेषताएं होती हैं।
- छोटे क्षेत्रों में कम लागत और कम समय में स्थापित किए जा सकते हैं।
- पारंपरिक बड़े रिएक्टरों की तुलना में सुरक्षित और लचीले होते हैं।
- बिजली की कमी वाले राज्यों के लिए आदर्श विकल्प हैं।
केंद्र की व्यापक ऊर्जा दृष्टि
- 2035 पावर विजन में शामिल ऊर्जा स्रोत:
- थर्मल
- सौर
- पवन
- बैटरी स्टोरेज
- न्यूक्लियर
- उद्देश्य: भारत की बढ़ती ऊर्जा मांग को सतत और स्वच्छ स्रोतों से पूरा करना।
बिहार में हाल की अन्य उपलब्धियां
- राज्य में 80 लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं।
- तकनीकी और वाणिज्यिक नुकसान में गिरावट आई है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 जून को सीवान में 500 MWh BESS परियोजना की आधारशिला रखी।
राज्य प्रोफाइल: बिहार (MCQ सेक्शन से पहले अनिवार्य जानकारी)
- राजधानी: पटना
- मुख्यमंत्री: नीतीश कुमार
- राज्यपाल: राजेंद्र आर्लेकर
- प्रमुख नदियाँ: गंगा, कोसी, गंडक, सोन
- महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उद्यान: वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान
- प्रसिद्ध वन्यजीव अभयारण्य: भीमबांध वन्यजीव अभयारण्य
- प्रमुख ताप विद्युत संयंत्र: बरौनी, कहलगांव
- हाल की परियोजनाएं: सीवान BESS, स्मार्ट मीटर स्थापना
संभावित MCQs (बहुविकल्पीय प्रश्न)
1. भारत का कौन-सा राज्य SMR तकनीक आधारित पहला परमाणु संयंत्र प्राप्त करने जा रहा है?
A. ओडिशा
B. बिहार
C. गुजरात
D. मध्य प्रदेश
उत्तर: B. बिहार
2. केंद्रीय बजट 2025-26 में राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा मिशन के लिए कुल बजट कितना रखा गया है?
A. ₹10,000 करोड़
B. ₹15,000 करोड़
C. ₹20,000 करोड़
D. ₹25,000 करोड़
उत्तर: C. ₹20,000 करोड़
3. जून 2025 तक भारत के केंद्रीय ऊर्जा मंत्री कौन हैं?
A. आर. के. सिंह
B. नितिन गडकरी
C. मनोहर लाल खट्टर
D. एच. डी. कुमारस्वामी
उत्तर: C. मनोहर लाल खट्टर
4. बिहार में बैटरी स्टोरेज के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग कितनी दी जा रही है?
A. ₹10 लाख प्रति मेगावाट
B. ₹15 लाख प्रति मेगावाट
C. ₹18 लाख प्रति मेगावाट
D. ₹20 लाख प्रति मेगावाट
उत्तर: C. ₹18 लाख प्रति मेगावाट
5. कौन-सी परमाणु तकनीक छोटे ग्रिड और अधिक सुरक्षा के लिए उपयुक्त मानी जाती है?
A. फास्ट ब्रीडर रिएक्टर
B. मोल्टन सॉल्ट रिएक्टर
C. स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर
D. प्रेसराइज्ड हैवी वॉटर रिएक्टर
उत्तर: C. स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर
UPSC-स्टाइल FAQs और उत्तर
Q1. बिहार को परमाणु ऊर्जा मिशन में शामिल करना संघीय शासन और ऊर्जा समानता के संदर्भ में क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर:
बिहार को राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा मिशन में शामिल करना क्षेत्रीय ऊर्जा समानता की दिशा में एक बड़ा कदम है। पारंपरिक रूप से परमाणु परियोजनाएं महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे विकसित राज्यों तक सीमित रही हैं। बिहार को शामिल करने से संघीय दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलता है और पिछड़े क्षेत्रों को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का अवसर मिलता है। यह समावेशी विकास की नीति का सशक्त उदाहरण है।
Q2. भारत की ऊर्जा संक्रमण रणनीति में SMRs की क्या भूमिका है?
उत्तर:
SMRs भारत की ऊर्जा रणनीति में एक मौलिक परिवर्तन ला रहे हैं। ये संयंत्र सुरक्षित, लचीले, और लागत प्रभावी हैं, जो छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थायी बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में सक्षम हैं। इनकी मॉड्यूलर प्रकृति से निर्माण और परिचालन में सुविधा होती है, जिससे ये नेट-ज़ीरो लक्ष्य के लिए उपयुक्त बनते हैं।
Q3. बिहार में परमाणु संयंत्र के साथ बैटरी स्टोरेज परियोजना कैसे पूरक है?
उत्तर:
1,000 मेगावाट की बैटरी स्टोरेज परियोजना परमाणु संयंत्र को ग्रिड स्थिरता प्रदान करने में मदद करती है। जहाँ SMR संयंत्र निरंतर ऊर्जा देता है, वहीं बैटरी स्टोरेज लचीलापन प्रदान करती है और सौर व पवन ऊर्जा जैसे स्रोतों के साथ समन्वय बनाती है। यह 24×7 बिजली उपलब्धता की दिशा में एक मजबूत मॉडल है।
Q4. बिहार जैसे राज्यों में परमाणु परियोजनाओं को लागू करने में क्या चुनौतियाँ हो सकती हैं?
उत्तर:
बिहार में परियोजना लागू करते समय भूमि अधिग्रहण, स्थानीय विरोध, तकनीकी दक्षता की कमी, और बुनियादी ढांचे की अपर्याप्तता प्रमुख चुनौतियाँ हो सकती हैं। इसके अलावा, नियामकीय प्रक्रियाओं और पर्यावरणीय चिंताओं से भी विलंब हो सकता है। इन सभी का समाधान केंद्र-राज्य समन्वय, स्थानीय जनसुनवाई, और संस्थागत समर्थन के माध्यम से किया जाना चाहिए।