SSC, UPSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए प्रमुख बिंदु

  • भारत की जनसंख्या: अप्रैल 2025 तक 146.39 करोड़।
  • कुल प्रजनन दर (TFR): 1.9 – प्रतिस्थापन स्तर 2.1 से कम
  • रिपोर्ट द्वारा: UNFPA – State of the World Population 2025
  • विश्व जनसंख्या: 8.2 अरब; वृद्धि दर धीमी हो रही है।
  • भारत का जनसांख्यिकीय संक्रमण: कार्यशील जनसंख्या 68%, युवा 24%, वृद्ध 7%।
  • महत्वपूर्ण अवधारणाएँ: TFR, प्रजनन अधिकार, जनसांख्यिकीय लाभांश।
  • नीति क्षेत्र: प्रजनन स्वास्थ्य, वृद्ध देखभाल, 2027 तक जनगणना पूर्ण।

UNFPA State of the World Population 2025 – संपूर्ण विवरण

वैश्विक जनसंख्या और प्रजनन प्रवृत्तियाँ

  • UNFPA की 2025 रिपोर्ट के अनुसार, विश्व की जनसंख्या अब 8.2 अरब हो गई है।
  • जनसंख्या वृद्धि दर घट रही है, परंतु आय असमानता अभी भी बनी हुई है।
  • रिपोर्ट का फोकस यह है कि वास्तविक संकट प्रजनन की अवरुद्ध इच्छाएँ हैं — न कि केवल अधिक या कम जनसंख्या।

प्रजनन क्या है – परिभाषा और विशेषताएँ

परिभाषा

प्रजनन एक महिला द्वारा अपने प्रजनन काल (15–49 वर्ष) में जन्मे बच्चों की संख्या को दर्शाता है।

कुल प्रजनन दर (TFR)

  • TFR वह औसत संख्या है जो एक महिला अपने जीवनकाल में बच्चों को जन्म देती है।
  • प्रतिस्थापन स्तर: 2.1
  • भारत की वर्तमान TFR: 1.9 – प्रतिस्थापन से कम, जो जनसंख्यकीय बदलाव दर्शाता है।

प्रजनन को प्रभावित करने वाले तत्व

  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य एवं गर्भनिरोधक तक पहुँच
  • आर्थिक स्थिति
  • पारिवारिक योजना सेवाएँ
  • सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्य

भारत की जनसंख्या स्थिति – 2025

  • कुल जनसंख्या: 146.39 करोड़ – अब विश्व की सबसे बड़ी जनसंख्या वाला देश।
  • TFR: 1.9
  • संभावित उच्चतम जनसंख्या: 170 करोड़ अगले 40 वर्षों में, फिर स्थिरीकरण।
  • जनसांख्यिकीय संरचना:
    • 0–14 वर्ष: 24%
    • 10–19 वर्ष: 17%
    • 15–64 वर्ष (कार्यशील आयु): 68%
    • 65+ वर्ष (वृद्ध): 7%
  • आयु अपेक्षा (2025):
    • पुरुष: 71 वर्ष
    • महिला: 74 वर्ष

वैश्विक प्रजनन चुनौतियाँ

विकसित देशों में घटती प्रजनन दर

जापान, इटली, दक्षिण कोरिया जैसे देशों में TFR 1.5 से भी कम है, जिससे जनसंख्या वृद्धावस्था की ओर बढ़ रही है।

अस्थिर देशों में उच्च प्रजनन दर

उप-सहारा अफ्रीका जैसे क्षेत्रों में TFR 4 से अधिक है, जो स्वास्थ्य, शिक्षा और संसाधनों पर भारी दबाव डाल रहा है।

प्रजनन असमानता

दुनियाभर में 20 करोड़ से अधिक महिलाओं को गर्भनिरोधक, मातृत्व देखभाल और प्रजनन अधिकारों तक पहुँच नहीं है।


भारत के लिए नीति मार्ग

  1. 2027 तक जनगणना पूर्ण करना: नीतियों को अद्यतन करने के लिए आवश्यक है।
  2. प्रजनन स्वास्थ्य सुधारना: गर्भनिरोधक और मातृत्व सेवाओं की पहुंच बढ़ाना।
  3. युवा और वृद्धों के लिए संतुलित नीतियाँ बनाना।
  4. महिलाओं की शिक्षा और स्वायत्तता को बढ़ावा देना

राज्य / संगठन संबंधी जानकारी (परीक्षा उपयोगी)

UNFPA – संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष

  • मुख्यालय: न्यूयॉर्क, USA
  • स्थापना: 1969
  • उद्देश्य: यौन और प्रजनन स्वास्थ्य, जनसंख्या डेटा, लैंगिक समानता
  • रिपोर्ट: State of the World Population (वार्षिक)

भारत (रिपोर्ट में उल्लिखित)

  • राजधानी: नई दिल्ली
  • प्रधानमंत्री: नरेंद्र मोदी (2025 तक)
  • महत्वपूर्ण नदियाँ: गंगा, यमुना, गोदावरी
  • राष्ट्रीय उद्यान: जिम कॉर्बेट (उत्तराखंड), काजीरंगा (असम), सुंदरबन (पश्चिम बंगाल)

विषय आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)

प्र1. UNFPA की “State of the World Population 2025” रिपोर्ट के अनुसार भारत की कुल प्रजनन दर (TFR) क्या है?
A) 2.1
B) 2.5
C) 1.9
D) 1.6
उत्तर: C) 1.9

प्र2. “State of the World Population” रिपोर्ट किस संगठन द्वारा जारी की जाती है?
A) WHO
B) UNDP
C) UNFPA
D) IMF
उत्तर: C) UNFPA

प्र3. प्रतिस्थापन स्तर की प्रजनन दर क्या मानी जाती है?
A) 1.8
B) 2.0
C) 2.1
D) 2.5
उत्तर: C) 2.1

प्र4. 2025 की रिपोर्ट के अनुसार भारत की कितनी प्रतिशत जनसंख्या कार्यशील आयु वर्ग में है?
A) 58%
B) 64%
C) 68%
D) 72%
उत्तर: C) 68%

प्र5. निम्नलिखित में से किस देश में प्रजनन दर 1.5 से भी कम है?
A) भारत
B) जापान
C) नाइजीरिया
D) ब्राज़ील
उत्तर: B) जापान


UPSC प्रारूप में पूछे जाने योग्य प्रश्न और उत्तर (FAQs)

Q1. भारत में जनसंख्या शिक्षा के प्रमुख उद्देश्य क्या हैं और उन्हें प्राप्त करने के उपाय क्या हो सकते हैं?

उत्तर:

परिचय:
जनसंख्या शिक्षा का उद्देश्य जनसंख्या वृद्धि, संसाधनों की उपलब्धता, और सामाजिक विकास के बीच संतुलन स्थापित करना है।

प्रमुख उद्देश्य:

  1. जागरूकता बढ़ाना – जनसंख्या से जुड़ी समस्याओं की जानकारी देना।
  2. उत्तरदायी व्यवहार को प्रोत्साहन – सीमित परिवार और स्वस्थ जीवन के लिए प्रेरित करना।
  3. निर्णय लेने की क्षमता विकसित करना – स्वास्थ्य, प्रजनन और संसाधनों के उपयोग में समझदारी विकसित करना।
  4. लैंगिक समानता को बढ़ावा देना – महिलाओं को निर्णय लेने की स्वतंत्रता देना।

उपाय:

  1. शिक्षा पाठ्यक्रम में समावेश – स्कूल और कॉलेज स्तर पर जनसंख्या शिक्षा पढ़ाई जाए।
  2. पारिवारिक नियोजन सेवाओं को सुदृढ़ करना – ग्रामीण क्षेत्रों में भी सुविधाएँ उपलब्ध कराना।
  3. समुदाय-आधारित जागरूकता अभियान
  4. महिला सशक्तिकरण – शिक्षा और आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान करना।
  5. सरकारी समर्थन – योजनाओं जैसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन को प्रभावी बनाना।

निष्कर्ष:
भारत को अपने जनसांख्यिकीय लाभांश का उपयोग करने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और समान अवसरों को प्राथमिकता देनी चाहिए।


Q2. भारत में घटती कुल प्रजनन दर (TFR) देश की जनसांख्यिकीय और आर्थिक स्थिति को कैसे प्रभावित करेगी?

उत्तर:

परिचय:
TFR वह संकेतक है जो यह दर्शाता है कि एक महिला अपने जीवन में औसतन कितने बच्चों को जन्म देगी। 2.1 से कम TFR जनसंख्या के घटते विकास को दर्शाता है।

जनसांख्यिकीय प्रभाव:

  • वृद्ध जनसंख्या में वृद्धि – सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर दबाव।
  • कर्मचारी वर्ग में गिरावट – भविष्य में कार्यबल की कमी हो सकती है।
  • निर्भरता अनुपात में बदलाव – वृद्ध निर्भरता बढ़ने से आर्थिक बोझ बढ़ेगा।

आर्थिक प्रभाव:

  • लघुकालीन लाभ – कार्यशील जनसंख्या के माध्यम से आर्थिक विकास को गति।
  • दीर्घकालीन चुनौतियाँ – सामाजिक कल्याण खर्चों में वृद्धि और श्रमिक संकट।

निष्कर्ष:
भारत को अपनी नीतियों को समय पर अनुकूलित करना होगा ताकि वह अपने जनसांख्यिकीय लाभांश का अधिकतम लाभ उठा सके और भविष्य की जनसंख्या संरचना के लिए तैयार हो सके।