SSC, UPSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

  • अध्ययन का नाम: इंडिया इंटरजेनरेशनल बॉन्ड्स – INBO रिपोर्ट
  • कौन कर रहा है: HelpAge India
  • अवसर: वर्ल्ड एल्डर एब्यूज अवेयरनेस डे (WEAAD) 2025
  • नमूना आकार: 5789 प्रतिभागी, 10 शहरों में
  • मुख्य निष्कर्ष: गैर-मेट्रो शहरों में पीढ़ियों के बीच रिश्ते मेट्रो शहरों की तुलना में ज्यादा मजबूत पाए गए
  • युवा व बुजुर्गों की सहभागिता: दो-तिहाई बुजुर्ग और 70% युवा रोजाना बातचीत को रिश्तों की मजबूती का कारण मानते हैं
  • शहर: दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, कानपुर, नागपुर, अहमदाबाद आदि
  • रिपोर्ट जारी करने वाले: मेरा युवा भारत के पंजाब और चंडीगढ़ निदेशक परमजीत सिंह

विस्तृत विवरण

भारत में पीढ़ियों के बीच संबंधों की नई तस्वीर

इंडिया इंटरजेनरेशनल बॉन्ड्स – INBO रिपोर्ट नामक यह अध्ययन, जो HelpAge India द्वारा किया गया, दर्शाता है कि गैर-मेट्रो शहरों में युवा और बुजुर्गों के बीच रिश्ते मेट्रो शहरों से अधिक गहरे और मजबूत हैं। यह रिपोर्ट वर्ल्ड एल्डर एब्यूज अवेयरनेस डे 2025 पर जारी की गई और पारंपरिक मूल्यों व संयुक्त परिवार प्रणाली की अहमियत को रेखांकित करती है।

सर्वेक्षण की मुख्य बातें

यह अध्ययन 10 शहरों में किया गया, जिनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, कानपुर, नागपुर और अहमदाबाद शामिल हैं और इसमें 5789 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।

  • रोजाना की बातचीत: करीब दो-तिहाई बुजुर्गों और 70% युवाओं ने कहा कि रोजाना की बातचीत उनके संबंधों की मजबूती का कारण है।
  • संयुक्त परिवार का असर: संयुक्त परिवारों में रिश्ते अधिक मजबूत पाए गए।
  • मेट्रो बनाम गैर-मेट्रो: गैर-मेट्रो के युवा बुजुर्गों के प्रति अधिक आदर और जुड़ाव दिखाते हैं, जो सामुदायिक और पारंपरिक मूल्यों से प्रेरित है।

INBO रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष

  • नजदीकी और आदर: गैर-मेट्रो शहरों में युवाओं द्वारा बुजुर्गों के प्रति ज्यादा आदर देखा गया।
  • चुनौतियाँ: चुनौतियों के बावजूद दोनों पीढ़ियां मानती हैं कि आपसी समझ को बेहतर बनाया जा सकता है और गुणवत्तापूर्ण समय बिताना इसका मुख्य जरिया है।
  • युवाओं की चिंता: युवा भी अकेलेपन, सामाजिक अलगाव, खराब स्वास्थ्य और आर्थिक असुरक्षा से डरते हैं और बहु-पीढ़ी सह-निवास को सही मानते हैं।
  • संदेश: भवनेश्वर शर्मा (पंजाब व चंडीगढ़ राज्य प्रमुख, HelpAge India) के अनुसार यह रिपोर्ट एक सकारात्मक संदेश और समय पर चेतावनी दोनों है।

संबंधित संगठन और राज्य

HelpAge India

  • बुजुर्गों के अधिकार और कल्याण के लिए भारत की प्रमुख गैर-सरकारी संस्था।

मेरा युवा भारत

  • युवाओं के विकास और उनकी भागीदारी को बढ़ावा देने वाला सरकारी मंच।

पंजाब

  • राजधानी: चंडीगढ़
  • मुख्यमंत्री (2025): भगवंत मान
  • महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उद्यान: अबोहर वन्यजीव अभयारण्य, हरिके वेटलैंड
  • प्रमुख नदियाँ: सतलुज, ब्यास

चंडीगढ़

  • स्थिति: केंद्र शासित प्रदेश; पंजाब और हरियाणा दोनों की राजधानी

परीक्षा शैली MCQ

Q1. इंडिया इंटरजेनरेशनल बॉन्ड्स – INBO रिपोर्ट किस संस्था ने जारी की?

A) UNICEF
B) HelpAge India
C) WHO
D) मेरा युवा भारत
उत्तर: B) HelpAge India

Q2. INBO रिपोर्ट किस अवसर पर जारी की गई?

A) वर्ल्ड हेल्थ डे
B) वर्ल्ड एल्डर एब्यूज अवेयरनेस डे
C) इंटरनेशनल यूथ डे
D) वर्ल्ड सोशल जस्टिस डे
उत्तर: B) वर्ल्ड एल्डर एब्यूज अवेयरनेस डे

Q3. निम्न में से कौन सा शहर INBO अध्ययन में शामिल नहीं था?

A) दिल्ली
B) मुंबई
C) नागपुर
D) चेन्नई
उत्तर: D) चेन्नई

Q4. INBO रिपोर्ट किसके द्वारा जारी की गई?

A) भवनेश्वर शर्मा
B) परमजीत सिंह
C) हिमंत बिस्वा सरमा
D) रेखा गुप्ता
उत्तर: B) परमजीत सिंह


UPSC स्टाइल FAQs (मेन लिखाई प्रारूप में उत्तर)

Q1. HelpAge India की INBO रिपोर्ट भारतीय समाज के संदर्भ में क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर:
HelpAge India की INBO रिपोर्ट भारतीय समाज के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पहली बार प्रमाणिक डेटा के आधार पर मेट्रो और गैर-मेट्रो शहरों के बीच पीढ़ियों के रिश्तों की स्थिति को उजागर करती है। यह रिपोर्ट बताती है कि कैसे संयुक्त परिवार, रोजाना संवाद और सामुदायिक मूल्य गैर-मेट्रो में मजबूत रिश्तों का आधार हैं। इसके साथ ही यह युवाओं की बुजुर्गों के प्रति जिम्मेदारी की भावना और उनके अपने बुजुर्गावस्था को लेकर डर को सामने लाती है। यह रिपोर्ट नीतिनिर्माताओं को बहु-पीढ़ी सह-निवास और सांस्कृतिक मूल्यों को प्रोत्साहित करने की दिशा में योजनाएँ बनाने के लिए प्रेरित करती है।

Q2. INBO रिपोर्ट के निष्कर्षों का उपयोग नीतिनिर्माता कैसे कर सकते हैं ताकि पीढ़ियों के बीच सामंजस्य को बढ़ाया जा सके?

उत्तर:
नीतिनिर्माता INBO रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर कई कदम उठा सकते हैं:

  • संयुक्त परिवार संस्कृति को प्रोत्साहन: हाउसिंग पॉलिसी और कर छूट के माध्यम से।
  • युवा-बुजुर्ग संवाद कार्यक्रम: खासकर शहरी इलाकों में जहां संयुक्त परिवार घट रहे हैं।
  • मूल्य आधारित शिक्षा: बच्चों में बुजुर्गों के प्रति सम्मान की भावना विकसित करने के लिए।
  • बुजुर्ग अनुकूल अवसंरचना: ताकि सह-निवास में व्यक्तिगत गोपनीयता भी बनी रहे।
  • जागरूकता अभियान: वर्ल्ड एल्डर एब्यूज अवेयरनेस डे जैसे अवसरों पर जन जागरूकता को बढ़ावा देना।