
UNSC की प्रमुख समितियों का नेतृत्व करेगा पाकिस्तान (2025-26)
SSC, UPSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए मुख्य बिंदु
- पाकिस्तान को UNSC का गैर-स्थायी सदस्य (2025-2026) चुना गया।
- 1988 तालिबान प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
- 1373 आतंकवाद विरोधी समिति (CTC) में उपाध्यक्ष की भूमिका मिली।
- UNSC की दो अनौपचारिक कार्य समूहों का भी सह-अध्यक्ष बना।
- ये भूमिकाएं प्रक्रियात्मक हैं, कोई विशेष शक्ति नहीं देतीं।
- भारत ने अपने कार्यकाल (2021-22) में तीन प्रमुख समितियों की अध्यक्षता की थी।
- जुलाई 2025 में पाकिस्तान UNSC का घूर्णन अध्यक्ष बनेगा।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के बारे में
- UNSC, संयुक्त राष्ट्र का एक प्रमुख अंग है।
- वैश्विक शांति और सुरक्षा बनाए रखना इसका मुख्य कार्य है।
- इसमें कुल 15 सदस्य होते हैं – 5 स्थायी और 10 गैर-स्थायी।
- स्थायी सदस्य: अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, रूस
- गैर-स्थायी सदस्य दो वर्षों के लिए चुने जाते हैं।
विस्तृत जानकारी: UNSC में पाकिस्तान की रणनीतिक एंट्री
UNSC की सहायक समितियों में पाकिस्तान की भूमिका
जून 2025 में, ऑपरेशन सिंदूर के एक महीने बाद, पाकिस्तान को UNSC की प्रमुख भूमिकाएं मिलीं:
- 1988 तालिबान प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष
- 1373 आतंकवाद विरोधी समिति का उपाध्यक्ष
- दो अनौपचारिक कार्य समूहों का सह-अध्यक्ष
यह सब तब हुआ जब पाकिस्तान एशिया-अफ्रीका समूह से गैर-स्थायी सदस्य चुना गया।
पाकिस्तान को ये पद कैसे मिले?
UN चार्टर के अनुच्छेद 28 के अनुसार, सभी सदस्य (स्थायी और गैर-स्थायी) सहायक समितियों का हिस्सा होते हैं। चूंकि स्थायी सदस्य आमतौर पर अध्यक्षता से बचते हैं, इसलिए गैर-स्थायी सदस्य इन पदों को संभालते हैं।
इसलिए पाकिस्तान की अध्यक्षता प्रक्रिया के अनुसार स्वाभाविक थी, कोई विशेष राजनीतिक लाभ नहीं।
1988 तालिबान प्रतिबंध समिति क्या करती है?
- UNSC प्रस्ताव 1988 के तहत गठित
- 130+ व्यक्तियों/संस्थाओं पर प्रतिबंधों की निगरानी करती है
- संपत्ति जब्ती, यात्रा प्रतिबंध, हथियार प्रतिबंध लागू करती है
- अध्यक्ष स्वतः किसी को सूची में शामिल/हटाने का अधिकार नहीं रखता – यह निर्णय सर्वसम्मति से होता है
1373 आतंकवाद विरोधी समिति (CTC) का कार्य क्या है?
- 9/11 हमलों के बाद प्रस्ताव 1373 के तहत गठित
- प्रमुख कार्य:
- आतंकी वित्तपोषण रोकना
- आतंकियों को शरण न देना
- तकनीकी सहायता के माध्यम से देशों की क्षमता बढ़ाना
- यह समिति जांच या सजा नहीं देती, बल्कि सहयोगात्मक कार्य करती है
- पाकिस्तान का उपाध्यक्ष पद केवल तकनीकी है, शक्तिशाली नहीं
भारत को इससे क्या चिंता होनी चाहिए?
भारत को तुरंत कोई चिंता नहीं, क्योंकि:
- ये भूमिकाएं प्रक्रियात्मक हैं, निर्णयकारी नहीं।
- पाकिस्तान भारत के हितों को सीधे नुकसान नहीं पहुंचा सकता।
- किसी भी निर्णय के लिए 15 सदस्य देशों की सर्वसम्मति जरूरी है।
हालाँकि, जुलाई 2025 में जब पाकिस्तान UNSC अध्यक्ष बनेगा, तब वह:
- कश्मीर मुद्दे को उठाने की कोशिश कर सकता है (जैसा कि 2013 में किया था)
- बैठक बुलाने जैसे प्रक्रिया संबंधी लाभ उठा सकता है
फिर भी, यह अनिवार्य निर्णय शक्ति नहीं देता।
महत्वपूर्ण तथ्य: संबंधित संगठनों के बारे में जानें
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC)
- मुख्यालय: न्यूयॉर्क, अमेरिका
- स्थापना: 1945
- सदस्य: 15 (5 स्थायी + 10 गैर-स्थायी)
- स्थायी सदस्य: अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, फ्रांस, चीन
- भारत की पिछली सदस्यता: 2021-2022
- पाकिस्तान की वर्तमान सदस्यता: 2025-2026
इस टॉपिक पर आधारित संभावित MCQs
Q1. UNSC में पाकिस्तान वर्तमान में किस समिति का अध्यक्ष है?
A. 1267 अल-कायदा प्रतिबंध समिति
B. 1988 तालिबान प्रतिबंध समिति
C. 1970 लीबिया प्रतिबंध समिति
D. 1265 मानवाधिकार समिति
उत्तर: B. 1988 तालिबान प्रतिबंध समिति
Q2. 1373 आतंकवाद विरोधी समिति का मुख्य उद्देश्य क्या है?
A. आतंकियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करना
B. वैश्विक आतंकी हमलों की जांच करना
C. देशों की आतंक विरोधी क्षमता बढ़ाना
D. आतंक का समर्थन करने वाले देशों को ब्लैकलिस्ट करना
उत्तर: C. देशों की आतंक विरोधी क्षमता बढ़ाना
Q3. UNSC की सहायक समितियों के बारे में कौन सा कथन सत्य है?
A. स्थायी सदस्य ही अध्यक्ष होते हैं
B. अध्यक्षता पूर्ण शक्ति प्रदान करती है
C. निर्णय बहुमत से होते हैं
D. सामान्यतः गैर-स्थायी सदस्य अध्यक्ष होते हैं
उत्तर: D. सामान्यतः गैर-स्थायी सदस्य अध्यक्ष होते हैं
Q4. 2025 में पाकिस्तान किस महीने UNSC का अध्यक्ष बनेगा?
A. जनवरी
B. मार्च
C. जुलाई
D. अक्टूबर
उत्तर: C. जुलाई
Q5. 1373 CTC किस प्रस्ताव के अंतर्गत बनाई गई थी?
A. प्रस्ताव 1267
B. प्रस्ताव 1988
C. प्रस्ताव 1373
D. प्रस्ताव 1947
उत्तर: C. प्रस्ताव 1373
परीक्षा के लिए याद रखने योग्य बातें
- UNSC समिति की अध्यक्षता मुख्यतः प्रक्रिया आधारित होती है।
- सर्वसम्मति मॉडल से किसी एक देश की शक्ति सीमित होती है।
- UNSC की ये भूमिकाएं प्रत्यक्ष निर्णय की शक्ति नहीं देतीं।
- भारत और पाकिस्तान दोनों ने पूर्व में समितियों की अध्यक्षता की है।
- घूर्णन अध्यक्षता का उपयोग राजनीतिक एजेंडा बढ़ाने के लिए हो सकता है, लेकिन इसमें भी निर्णायक शक्ति नहीं होती।