
SSC, UPSC व अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण बिंदु:
- भारत का पहला ग्रीन डेटा सेंटर उत्तर प्रदेश के साहिबाबाद, गाज़ियाबाद में स्थापित होगा।
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने किया शिलान्यास।
- यह केंद्र सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (CEL) और ESDS के सहयोग से विकसित हो रहा है।
- डेटा सेंटर की क्षमता 30 मेगावाट होगी और यह पर्यावरण अनुकूल तकनीकों से लैस होगा।
- CEL ने भारत का पहला सोलर फोटovoltaic मॉड्यूल 1974 में बनाया था।
- CEL और Multi Infra के बीच 200 मेगावाट सोलर प्रोजेक्ट के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) हुआ।
- भारत की पहली क्वांटम यूनिट नोएडा में स्थापित होगी, और बायोटेक पार्क लखनऊ के पास बनेगा।
- CEL एक Mini Ratna PSU है, जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत काम करता है।
- सेंटर में स्मार्ट कूलिंग, रिफ्लेक्टिव रूफिंग, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग, और मल्टी-ISP सपोर्ट जैसी सुविधाएं होंगी।
उत्तर प्रदेश के बारे में (परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण जानकारी):
- राजधानी: लखनऊ
- मुख्यमंत्री: योगी आदित्यनाथ
- राज्यपाल: आनंदीबेन पटेल
- मुख्य नदियाँ: गंगा, यमुना, गोमती, घाघरा
- राष्ट्रीय उद्यान: दुधवा नेशनल पार्क, पीलीभीत टाइगर रिजर्व
- प्रमुख संस्थान: IIT कानपुर, IIM लखनऊ
- प्रमुख शहर: लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, गाज़ियाबाद, नोएडा
- प्रसिद्ध कॉरिडोर: डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर
- प्रसिद्ध आयोजन: प्रयागराज कुंभ मेला
- मुख्य संगठन: CEL (सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड – गाज़ियाबाद)
पूर्ण ब्लॉग: गाज़ियाबाद में बन रहा भारत का पहला ग्रीन डेटा सेंटर
भारत में पर्यावरण-अनुकूल डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, गाज़ियाबाद के साहिबाबाद में भारत का पहला ग्रीन डेटा सेंटर स्थापित किया जा रहा है। इसकी आधारशिला उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को रखी।
इस परियोजना का नेतृत्व सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (CEL) द्वारा किया जा रहा है, जो एक मिनी रत्न सार्वजनिक उपक्रम (PSU) है। इस परियोजना में सहयोगी संस्था है ESDS, जो क्लाउड सेवाओं और डेटा सेंटर टेक्नोलॉजी में अग्रणी है।
क्या है ग्रीन डेटा सेंटर की खासियत?
इस ग्रीन डेटा सेंटर में निम्नलिखित पर्यावरण-अनुकूल सुविधाएं होंगी:
- 30 मेगावाट क्षमता, भविष्य में विस्तार की संभावना।
- स्मार्ट कूलिंग सिस्टम से ऊर्जा की बचत।
- रिफ्लेक्टिव रूफिंग जो गर्मी कम सोखती है।
- रेनवॉटर हार्वेस्टिंग की सुविधा।
- मॉड्यूलर POD डिजाइन और हर फ्लोर पर 200 सर्वर रैक की क्षमता।
- मल्टी-ISP सपोर्ट के साथ विश्व स्तरीय डेटा संरचना।
CEL के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक चेतन प्रकाश जैन ने कहा कि यह केंद्र भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ऊर्जा दक्ष और ग्लोबल स्टैंडर्ड के अनुसार बनाया जा रहा है।
CEL की यात्रा: विनिवेश से ‘अमृत काल’ तक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने CEL की 50 वर्ष की यात्रा की सराहना की और कहा कि कभी यह विनिवेश सूची में था, लेकिन अब यह भारत को मजबूत बनाने वाले संगठनों में शामिल हो चुका है। CEL के प्रमुख योगदान:
- डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग (जैसे ब्रह्मोस मिसाइल के उपकरण)
- रेलवे सिग्नलिंग सिस्टम
- स्मार्ट क्लासरूम और शैक्षणिक तकनीक
- नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा समाधान
केंद्रीय मंत्री द्वारा घोषित नई तकनीकी पहलें
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने निम्न घोषणाएं कीं:
- भारत की पहली क्वांटम यूनिट नोएडा में स्थापित होगी।
- बायोटेक्नोलॉजी पार्क लखनऊ के पास स्थापित होगा।
- राष्ट्रीय स्टार्टअप कॉन्क्लेव अगस्त में आयोजित होगा।
ये पहलें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत और डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण से जुड़ी हुई हैं।
संभावित परीक्षा प्रश्न (MCQ फ़ॉर्मेट में)
1. भारत का पहला ग्रीन डेटा सेंटर कहाँ स्थापित किया जा रहा है?
A. नोएडा
B. लखनऊ
C. गाज़ियाबाद
D. कानपुर
उत्तर: C. गाज़ियाबाद
2. कौन-सा सार्वजनिक उपक्रम ग्रीन डेटा सेंटर विकसित कर रहा है?
A. BHEL
B. NTPC
C. CEL
D. HAL
उत्तर: C. CEL
3. प्रस्तावित ग्रीन डेटा सेंटर की ऊर्जा क्षमता क्या है?
A. 10 मेगावाट
B. 30 मेगावाट
C. 50 मेगावाट
D. 100 मेगावाट
उत्तर: B. 30 मेगावाट
4. CEL ने भारत का पहला सोलर फोटovoltaic मॉड्यूल किस वर्ष में बनाया था?
A. 1965
B. 1970
C. 1974
D. 1980
उत्तर: C. 1974
5. नोएडा में घोषित नई तकनीकी इकाई कौन सी है?
A. नेशनल AI लैब
B. क्वांटम कंप्यूटिंग यूनिट
C. क्वांटम सैटेलाइट प्रोजेक्ट
D. स्पेस इनोवेशन लैब
उत्तर: B. क्वांटम कंप्यूटिंग यूनिट
6. CEL ने केंद्र सरकार को कितना डिविडेंड चेक सौंपा?
A. ₹10 करोड़
B. ₹15 करोड़
C. ₹21 करोड़
D. ₹25 करोड़
उत्तर: C. ₹21 करोड़
UPSC-शैली के FAQs (उत्तर लेखन प्रारूप में)
Q1: गाज़ियाबाद में बन रहा ग्रीन डेटा सेंटर भारत की डिजिटल अवसंरचना के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर:
यह डेटा सेंटर पर्यावरणीय दृष्टि से सतत डिजिटल अवसंरचना की दिशा में भारत का पहला प्रयास है। इसमें ऊर्जा दक्ष तकनीक, नवीन डिजाइन, और भविष्य उन्मुख सुविधाएं शामिल हैं। यह केंद्र न केवल डेटा स्वायत्तता को बढ़ाएगा, बल्कि न्यूनतम कार्बन उत्सर्जन के साथ स्मार्ट शहरी विकास का उदाहरण भी बनेगा।
Q2: CEL की रक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा में भूमिका ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन को कैसे दर्शाती है?
उत्तर:
CEL की भूमिका भारत के आत्मनिर्भर भारत मिशन की सफलता का उदाहरण है। ब्रह्मोस जैसी मिसाइलों में उपकरणों का निर्माण, सोलर मॉड्यूल्स का निर्माण, और स्मार्ट क्लासरूम जैसी तकनीकों से यह PSU स्वदेशी क्षमताओं को सशक्त करता है। यह दर्शाता है कि भारत कैसे स्वदेशी तकनीक और नवाचार के माध्यम से वैश्विक प्रतिस्पर्धा में खड़ा हो सकता है।
Q3: ग्रीन डेटा सेंटर की स्थापना भारत के जलवायु लक्ष्यों को कैसे समर्थन देती है?
उत्तर:
ग्रीन डेटा सेंटर में अपनाई गई तकनीकें—जैसे स्मार्ट कूलिंग, वाटर हार्वेस्टिंग, और कम ऊर्जा खपत—भारत के पेरिस समझौते के तहत किए गए कार्बन कटौती लक्ष्यों को समर्थन देती हैं। यह केंद्र डिजिटल विकास और जलवायु संरक्षण का आदर्श संयोजन प्रस्तुत करता है।
Q4: उत्तर प्रदेश का टेक्नोलॉजी और ऊर्जा केंद्र के रूप में उभरना क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर:
उत्तर प्रदेश की जनसांख्यिकीय शक्ति, औद्योगिक आधार, और केन्द्रीय स्थिति इसे नवाचार और विकास का आदर्श केंद्र बनाती है। ग्रीन डेटा सेंटर, डिफेंस कॉरिडोर, बायोटेक पार्क और क्वांटम यूनिट जैसी परियोजनाएं राज्य को टेक्नोलॉजी और स्थायी विकास के अग्रणी राज्यों में स्थान देती हैं। इससे संतुलित क्षेत्रीय विकास को भी बल मिलेगा।