
SSC/UPSC व अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण बिंदु
- ग्रीन इंडिया मिशन (GIM) की शुरुआत 2014 में राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन कार्य योजना (NAPCC) के तहत हुई।
- 2025 में केंद्र सरकार ने GIM का संशोधित रोडमैप जारी किया।
- लक्ष्य: 2030 तक 24.7 मिलियन हेक्टेयर वन और हरित क्षेत्र का पुनर्स्थापन।
- भारत के अंतरराष्ट्रीय जलवायु संकल्पों (UNFCCC) के अनुरूप।
- अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत: ₹16,053 करोड़।
- मुख्य फोकस क्षेत्र: अरावली, वेस्टर्न घाट, हिमालय, मैंग्रोव क्षेत्र।
- भारत में कुल 97.85 मिलियन हेक्टेयर भूमि का क्षरण (ISRO, 2018–19)।
- 2005 से 2021 के बीच भारत ने 2.29 बिलियन टन CO₂ का अतिरिक्त कार्बन सिंक तैयार किया।
- लक्ष्य: 2030 तक 2.5–3 बिलियन टन CO₂ का अतिरिक्त कार्बन सिंक।
संशोधित ग्रीन इंडिया मिशन – पूरी जानकारी
पृष्ठभूमि और उद्देश्य
ग्रीन इंडिया मिशन (GIM), 2014 में राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन कार्य योजना (NAPCC) के तहत शुरू हुआ। इसके प्रमुख लक्ष्य थे:
- 5 मिलियन हेक्टेयर में वन और वृक्ष आच्छादन बढ़ाना।
- अन्य 5 मिलियन हेक्टेयर में वन गुणवत्ता सुधारना।
- क्षतिग्रस्त पारिस्थितिक तंत्र को पुनर्स्थापित करना और वन-आश्रित समुदायों की आजीविका बेहतर बनाना।
2025 में GIM में संशोधन क्यों किया गया?
केंद्र सरकार ने GIM का रोडमैप संशोधित किया ताकि:
- बदलते जलवायु प्रभावों से निपटा जा सके।
- राज्यों और वैज्ञानिक संस्थानों से प्राप्त सुझावों को शामिल किया जा सके।
- संवेदनशील पारिस्थितिक क्षेत्रों का बहाली को प्राथमिकता दी जा सके।
- यह मिशन भारत के अंतरराष्ट्रीय जलवायु संकल्पों के अनुरूप हो सके।
संशोधित ग्रीन इंडिया मिशन की मुख्य विशेषताएं
क्षेत्र-विशेष रणनीति
- यह योजना स्थानीय पारिस्थितिक स्थितियों के अनुसार अनुकूलित की गई है।
- प्राथमिक क्षेत्र:
- अरावली श्रेणी
- वेस्टर्न घाट
- भारतीय हिमालय क्षेत्र
- मैंग्रोव पारिस्थितिक तंत्र
अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट से समन्वय
- उद्देश्य: मरुस्थलीकरण, धूल भरी आंधियों और पारिस्थितिक क्षरण को रोकना।
- कार्यान्वयन:
- 29 जिलों में 8 लाख हेक्टेयर पुनर्स्थापन।
- 5 किमी चौड़ी हरित पट्टी का निर्माण, कुल 6.45 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र।
- लागत: ₹16,053 करोड़।
- फोकस: देशी पौधों का उपयोग, घास के मैदान, वन और जल स्रोतों का पुनर्निर्माण।
वेस्टर्न घाट में कार्रवाई
- अवैध खनन और वनों की कटाई की समस्याओं से निपटना।
- भूजल पुनर्भरण, वनीकरण और पारिस्थितिक बहाली को प्राथमिकता।
अब तक की उपलब्धियां और वित्तपोषण (2015–2024)
- कुल वनीकरण: 11.22 मिलियन हेक्टेयर (केंद्र व राज्य योजनाओं के तहत)।
- कुल आवंटन (2019–2024): ₹624.71 करोड़ (18 राज्यों को)।
- उपयोग: ₹575.55 करोड़ (लगभग 92% व्यय)।
भारत के जलवायु लक्ष्य और GIM की भूमिका
- भारत का UNFCCC के तहत संकल्प:
- 26 मिलियन हेक्टेयर क्षतिग्रस्त भूमि की बहाली।
- 2.5–3 बिलियन टन CO₂ का अतिरिक्त कार्बन सिंक निर्माण।
- अब तक की उपलब्धि (2005–2021): 2.29 बिलियन टन CO₂ का अतिरिक्त कार्बन सिंक।
- खुले वन क्षेत्र (Open Forests) को प्राथमिकता दी गई है, जो कम लागत में अधिक कार्बन अवशोषण कर सकते हैं।
संशोधित GIM की कार्बन सीक्वेस्ट्रेशन क्षमता
- नई रणनीति और योजनाओं के एकीकरण से:
- वन/वृक्ष आच्छादन 24.7 मिलियन हेक्टेयर तक बढ़ाया जा सकता है।
- 3.39 बिलियन टन CO₂ का कार्बन सिंक बनाया जा सकता है – जो कि भारत के लक्ष्य से भी अधिक है।
राज्य और संगठन संबंधित तथ्य (परीक्षा उपयोगी जानकारी)
भारत
- राजधानी: नई दिल्ली
- प्रधानमंत्री: नरेंद्र मोदी
- पर्यावरण मंत्रालय (MoEFCC): भूपेंद्र यादव
- फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया मुख्यालय: देहरादून
- ISRO मुख्यालय: बेंगलुरु
UNFCCC (संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क कन्वेंशन)
- स्थापना: 1992 (रियो शिखर सम्मेलन)
- मुख्यालय: बॉन, जर्मनी
- भारत सदस्य है
- वैश्विक जलवायु संकल्पों की निगरानी करता है
परीक्षा केंद्रित बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)
Q1. ग्रीन इंडिया मिशन (GIM) कब शुरू हुआ था?
A. 2008
B. 2014
C. 2017
D. 2020
उत्तर: B
Q2. अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत क्या है?
A. ₹5,000 करोड़
B. ₹10,000 करोड़
C. ₹16,053 करोड़
D. ₹22,500 करोड़
उत्तर: C
Q3. इनमें से कौन सा क्षेत्र संशोधित GIM में प्राथमिकता में नहीं है?
A. अरावली श्रेणी
B. सुंदरबन
C. थार रेगिस्तान
D. वेस्टर्न घाट
उत्तर: C
Q4. भारत ने 2030 तक कितने CO₂ कार्बन सिंक का लक्ष्य रखा है?
A. 1–2 बिलियन टन CO₂
B. 2.5–3 बिलियन टन CO₂
C. 3.5–4 बिलियन टन CO₂
D. कोई नहीं
उत्तर: B
Q5. ISRO की रिपोर्ट के अनुसार भारत में कितनी भूमि का क्षरण हुआ है?
A. एक चौथाई
B. एक तिहाई
C. आधा
D. दो तिहाई
उत्तर: B
UPSC स्टाइल FAQs (Answer Writing Format में)
Q1. 2025 में संशोधित ग्रीन इंडिया मिशन (GIM) के मुख्य उद्देश्य और रणनीतियाँ क्या हैं?
उत्तर:
ग्रीन इंडिया मिशन (GIM), जिसकी शुरुआत 2014 में NAPCC के तहत हुई थी, का मुख्य उद्देश्य 5 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में वन और वृक्ष आच्छादन बढ़ाना और अन्य 5 मिलियन हेक्टेयर में वन गुणवत्ता सुधारना था। 2025 के संशोधन में क्षेत्र-विशिष्ट और पारिस्थितिकी अनुकूल रणनीतियों को अपनाया गया है। अरावली, वेस्टर्न घाट, हिमालय और मैंग्रोव जैसे संवेदनशील क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है। ₹16,053 करोड़ लागत वाली अरावली ग्रीन वॉल परियोजना को GIM में शामिल किया गया है। मिशन का उद्देश्य 2030 तक 24.7 मिलियन हेक्टेयर वन बहाली और 3.39 बिलियन टन CO₂ का कार्बन सिंक बनाना है, जो भारत के लक्ष्यों से अधिक है।
Q2. संशोधित ग्रीन इंडिया मिशन भारत के UNFCCC जलवायु संकल्पों को कैसे समर्थन देता है?
उत्तर:
संशोधित GIM, भारत के UNFCCC के तहत 26 मिलियन हेक्टेयर क्षतिग्रस्त भूमि की बहाली और 2.5–3 बिलियन टन CO₂ के अतिरिक्त कार्बन सिंक निर्माण के संकल्प को प्रत्यक्ष रूप से समर्थन देता है। योजनाएं जैसे अरावली ग्रीन वॉल और क्षेत्रीय पारिस्थितिक पुनर्स्थापन, GIM को एक प्रभावशाली टूल बनाती हैं। GIM के तहत 3.39 बिलियन टन CO₂ कार्बन सिंक बनने की संभावना है जो भारत के लक्ष्य से अधिक है। इससे न केवल जलवायु प्रतिबद्धता पूरी होगी बल्कि भारत की वैश्विक स्थिति भी मजबूत होगी।
Q3. ग्रीन इंडिया मिशन में अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट को शामिल करने के क्या प्रभाव हैं?
उत्तर:
अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट को GIM में शामिल करना एक रणनीतिक पहल है, जो उत्तर भारत में मरुस्थलीकरण, धूल भरी आंधियों और पारिस्थितिक क्षरण की समस्याओं को हल करेगा। यह परियोजना 29 जिलों में 8 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को पुनर्स्थापित करेगी और 5 किमी चौड़ी हरित पट्टी तैयार करेगी। ₹16,053 करोड़ की लागत वाली यह परियोजना देशी पौधों, जल निकायों और घास के मैदान के पुनर्निर्माण पर ध्यान देगी। इससे न केवल कार्बन अवशोषण बढ़ेगा बल्कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में पारिस्थितिक संतुलन भी मजबूत होगा।