
भारत ने अपनी घरेलू प्रोसेसिंग क्षमता को मजबूत करने और चीन पर निर्भरता कम करने के लिए जापान को रेयर अर्थ का निर्यात निलंबित कर दिया है। यह कदम वैश्विक मांग और आपूर्ति श्रृंखला की चिंताओं के बीच उठाया गया है।
SSC, UPSC और अन्य परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण बिंदु
- भारत ने 2025 में जापान को रेयर अर्थ का निर्यात रोका ताकि घरेलू प्रोसेसिंग को बढ़ावा मिल सके।
- यह फैसला 2012 के द्विपक्षीय समझौते पर असर डालता है जो IREL (इंडिया रेयर अर्थ्स लिमिटेड) और टॉयोट्सु रेयर अर्थ्स इंडिया के बीच हुआ था।
- यह कदम चीन की रेयर अर्थ निर्यात पर अप्रैल 2025 में लगाई गई रोक के बाद उठाया गया।
- भारत के पास दुनिया में पांचवां सबसे बड़ा रेयर अर्थ भंडार (~6.9 मिलियन मीट्रिक टन) है।
- भारत का लक्ष्य है कि FY 2026 तक 450 मीट्रिक टन नियोडाइमियम निकाला जाए और 2030 तक उत्पादन दोगुना किया जाए।
- भारत ने FY2024-25 में 53,748 मीट्रिक टन रेयर अर्थ मैग्नेट आयात किए, ज्यादातर चीन से।
- भारत में रेयर अर्थ खनन का अधिकार केवल IREL को है, जो परमाणु ऊर्जा विभाग के अधीन है।
पूरी जानकारी
भारत का रणनीतिक कदम – जापान को रेयर अर्थ आपूर्ति पर रोक
भारत ने IREL को निर्देश दिया है कि वह टॉयोट्सु रेयर अर्थ्स इंडिया (टोयोटा त्सुशो की सहायक कंपनी) के साथ 13 साल पुराना समझौता निलंबित करे। यह फैसला तब लिया गया जब चीन ने अप्रैल 2025 में अपने रेयर अर्थ निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों, विंड टर्बाइनों, स्मार्टफोन और रक्षा उद्योगों में आपूर्ति संकट पैदा हो गया।
समझौते की पृष्ठभूमि
- समझौता वर्ष: 2012
- पक्ष: IREL और टॉयोट्सु रेयर अर्थ्स इंडिया
- मुख्य सामग्री: मुख्य रूप से नियोडाइमियम (EV मोटर्स के लिए उपयोग), साथ ही लैंथेनम और सेरियम
- मॉडल: IREL खनन करता था और टॉयोट्सु जापान को प्रोसेसिंग कर भेजता था
भारत ने यह निर्णय क्यों लिया?
भारत का उद्देश्य है:
- घरेलू आवश्यकताओं के लिए रेयर अर्थ को सुरक्षित रखना
- चीन पर आयात निर्भरता कम करना
- देश में प्रोसेसिंग और मैग्नेट निर्माण क्षमता विकसित करना
- रणनीतिक क्षेत्रों के लिए आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाना
भारत की रेयर अर्थ क्षमताएं और चुनौतियां
- भंडार: ~6.9 मिलियन मीट्रिक टन (पांचवां सबसे बड़ा भंडार)
- खनन: केवल IREL करता है, परमाणु ऊर्जा विभाग के अधीन
- चुनौती: प्रोसेसिंग और मैग्नेट उत्पादन की सुविधा का अभाव; चीन पर निर्भरता
- FY2024-25 आयात: 53,748 मीट्रिक टन मैग्नेट्स
विस्तार की योजनाएं
- FY 2026 तक 450 मीट्रिक टन नियोडाइमियम उत्पादन का लक्ष्य
- 2030 तक उत्पादन दोगुना करना
- मुख्य स्थान: ओडिशा (खनन), केरल (रिफाइनिंग)
- भविष्य: घरेलू प्रोसेसिंग के लिए प्रोत्साहन योजनाएं; निजी कंपनियों के साथ साझेदारी
वैश्विक संदर्भ
चीन का अप्रैल 2025 का प्रतिबंध 2010 के जापान पर लगाए गए प्रतिबंध की याद दिलाता है और इसने दुनिया भर में आपूर्ति संकट की चिंता बढ़ा दी है। भारत का यह कदम आपूर्ति श्रृंखला विविधीकरण की वैश्विक प्रवृत्ति के अनुरूप है।
संबंधित संगठन की महत्वपूर्ण जानकारी
IREL (इंडिया रेयर अर्थ्स लिमिटेड)
- प्रकार: सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई
- किसके अधीन: परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार
- मुख्यालय: मुंबई, महाराष्ट्र
- भूमिका: भारत में रेयर अर्थ का खनन
टॉयोट्सु रेयर अर्थ्स इंडिया
- प्रकार: टोयोटा त्सुशो, जापान की सहायक इकाई
- भूमिका: भारत में प्रोसेसिंग कर जापान को रेयर अर्थ भेजना
चीन (संदर्भ)
- वैश्विक हिस्सेदारी: >80% रेयर अर्थ प्रोसेसिंग
- नीति: अप्रैल 2025 से निर्यात पर प्रतिबंध
अभ्यास के लिए MCQ
1. भारत में रेयर अर्थ का खनन करने वाली अधिकृत संस्था कौन सी है?
A) NMDC
B) IREL
C) ONGC
D) SAIL
उत्तर: B) IREL
2. भारत के रेयर अर्थ निर्यात में मुख्य सामग्री क्या थी?
A) बॉक्साइट
B) नियोडाइमियम
C) ग्रेफाइट
D) तांबा
उत्तर: B) नियोडाइमियम
3. रेयर अर्थ भंडार में भारत का वैश्विक स्थान क्या है?
A) तीसरा
B) पांचवां
C) सातवां
D) नौवां
उत्तर: B) पांचवां
4. जापान के साथ रेयर अर्थ निर्यात समझौता किस वर्ष हुआ था?
A) 2008
B) 2010
C) 2012
D) 2014
उत्तर: C) 2012
5. IREL की रिफाइनिंग सुविधा कहां स्थित है?
A) ओडिशा
B) झारखंड
C) केरल
D) गुजरात
उत्तर: C) केरल
UPSC-स्टाइल FAQs (Answer Writing Format)
Q1. भारत ने 2025 में जापान को रेयर अर्थ का निर्यात क्यों रोका?
उत्तर:
भारत ने 2025 में जापान को रेयर अर्थ का निर्यात घरेलू आवश्यकताओं को प्राथमिकता देने और चीन पर निर्भरता को कम करने के लिए रोका। चीन द्वारा रेयर अर्थ निर्यात पर लगाए गए हालिया प्रतिबंधों और वैश्विक मांग में वृद्धि के चलते भारत ने यह रणनीतिक कदम उठाया। भारत का उद्देश्य घरेलू प्रोसेसिंग और मैग्नेट निर्माण क्षमता का विकास करना है ताकि इलेक्ट्रिक वाहन, नवीकरणीय ऊर्जा और रक्षा क्षेत्रों के लिए आपूर्ति सुरक्षित की जा सके।
Q2. भारत की रेयर अर्थ क्षमताएं और चुनौतियां समझाइए।
उत्तर:
भारत के पास लगभग 6.9 मिलियन मीट्रिक टन का रेयर अर्थ भंडार है, जो वैश्विक स्तर पर पांचवां सबसे बड़ा है। हालांकि, प्रोसेसिंग और मैग्नेट उत्पादन की सुविधा का अभाव भारत की बड़ी चुनौती है, जिससे देश को चीन से आयात पर निर्भर रहना पड़ता है। भारत का हालिया नीति परिवर्तन घरेलू प्रोसेसिंग को बढ़ाने, उत्पादन दोगुना करने और निजी साझेदारियों के जरिए मैग्नेट निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया है।
Q3. चीन की रेयर अर्थ नीति भारत के रणनीतिक फैसलों को कैसे प्रभावित करती है?
उत्तर:
चीन की रेयर अर्थ प्रोसेसिंग में 80% से अधिक हिस्सेदारी वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में उसे रणनीतिक बढ़त देती है। चीन के 2025 निर्यात प्रतिबंध ने आपूर्ति संकट पैदा कर दिया, जिससे भारत ने अपनी नीति पर पुनर्विचार किया। भारत ने जापान को रेयर अर्थ निर्यात रोक कर घरेलू आपूर्ति श्रृंखला को सुरक्षित करने और चीन पर निर्भरता कम करने की दिशा में कदम उठाया। यह निर्णय भारत की स्वदेशी क्षमताओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक बदलाव है।