SSC, UPSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

  • भारत ने कहा कि वह भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को केवल एक सहमत पाठ से आगे बढ़ाकर रणनीतिक आर्थिक साझेदारी में बदलने के लिए प्रतिबद्ध है।
  • वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यह बात इंडिया ग्लोबल फोरम 2025 (लंदन) में कही।
  • यह समझौता व्यापार, प्रौद्योगिकी और मोबिलिटी में सहयोग को बढ़ावा देता है।
  • एफटीए भारत और ब्रिटेन के लोकतांत्रिक मूल्यों और साझा लक्ष्यों को दर्शाता है।
  • यूके के बिजनेस एंड ट्रेड सेक्रेटरी जोनाथन रेनॉल्ड्स भी मंच पर उपस्थित थे।
  • यह समझौता भारत की ट्रेड डिप्लोमेसी को मजबूत करता है और संतुलित व भविष्य उन्मुख ढांचा प्रदान करता है।

भारत और यूके के बीच रणनीतिक आर्थिक सहयोग की दिशा

भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते का अवलोकन

भारत-यूके एफटीए एक ऐतिहासिक पहल है जो द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह केवल शुल्क कम करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें प्रौद्योगिकी, निवेश, मोबिलिटी और इनोवेशन जैसे क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग को बढ़ावा देना शामिल है। इंडिया ग्लोबल फोरम 2025 (लंदन) में पीयूष गोयल ने इसे परिवर्तनकारी साझेदारी में बदलने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।

इंडिया ग्लोबल फोरम 2025 का महत्व

इंडिया ग्लोबल फोरम भारत की अंतरराष्ट्रीय आर्थिक नीतियों को प्रदर्शित करने का एक प्रमुख मंच है। अपने संबोधन में मंत्री गोयल ने भारत की रणनीतिक आर्थिक दृष्टि (Strategic Economic Vision) को प्रस्तुत किया, जिसमें घरेलू प्राथमिकताओं और वैश्विक सहयोग को एकीकृत करने की रणनीति पर ज़ोर दिया गया।

एफटीए का रणनीतिक महत्व

यह समझौता निम्नलिखित रूपों में महत्वपूर्ण है:

  • द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देता है
  • निवेश को आकर्षित करता है
  • प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान संभव बनाता है
  • कुशल पेशेवरों की आवाजाही को बढ़ावा देता है

यह एफटीए भविष्य की व्यापार नीतियों के लिए एक मॉडल बन सकता है जो भारत की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के साथ अंतरराष्ट्रीय मानकों को संतुलित करता है।


यूनाइटेड किंगडम (UK) से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य

क्योंकि यूके इस समझौते का एक प्रमुख पक्ष है, परीक्षाओं के लिए इससे संबंधित निम्नलिखित तथ्य महत्वपूर्ण हैं:

  • राजधानी: लंदन
  • प्रधानमंत्री: कीर स्टारमर (2025 के अनुसार)
  • मुद्रा: पाउंड स्टर्लिंग (£)
  • आधिकारिक भाषा: अंग्रेज़ी
  • प्रमुख नदियाँ: टेम्स, सेवर्न
  • प्रसिद्ध विश्वविद्यालय: ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज
  • भारत के साथ महत्वपूर्ण समझौते:
    • माइग्रेशन और मोबिलिटी साझेदारी
    • भारत-यूके एफटीए
    • रक्षा और तकनीकी सहयोग

MCQs (बहुविकल्पीय प्रश्न)

Q1. इंडिया ग्लोबल फोरम 2025 कहाँ आयोजित किया गया?
A. नई दिल्ली
B. लंदन
C. जिनेवा
D. पेरिस
सही उत्तर: B. लंदन

Q2. इंडिया ग्लोबल फोरम 2025 में भारत का प्रतिनिधित्व किसने किया?
A. नरेंद्र मोदी
B. एस. जयशंकर
C. पीयूष गोयल
D. अमित शाह
सही उत्तर: C. पीयूष गोयल

Q3. भारत द्वारा एफटीए का प्रमुख उद्देश्य क्या बताया गया है?
A. आप्रवासन नियंत्रण
B. रक्षा सहयोग
C. रणनीतिक आर्थिक साझेदारी
D. शिक्षा सहयोग
सही उत्तर: C. रणनीतिक आर्थिक साझेदारी

Q4. मंच पर पीयूष गोयल के साथ कौन से ब्रिटिश मंत्री उपस्थित थे?
A. ऋषि सुनक
B. जेम्स क्लेवरली
C. जोनाथन रेनॉल्ड्स
D. डेविड कैमरन
सही उत्तर: C. जोनाथन रेनॉल्ड्स

Q5. निम्न में से कौन सा क्षेत्र भारत-यूके एफटीए का मुख्य केंद्र नहीं है?
A. मोबिलिटी
B. प्रौद्योगिकी
C. जलवायु परिवर्तन
D. व्यापार
सही उत्तर: C. जलवायु परिवर्तन


UPSC शैली FAQs (उत्तर लेखन प्रारूप में)

Q1. भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते का भारत की आर्थिक कूटनीति में क्या रणनीतिक महत्व है? (150 शब्दों में उत्तर दें)

उत्तर:

भारत-यूके एफटीए भारत की वैश्विक व्यापार रणनीति का एक महत्वपूर्ण चरण है। यह केवल शुल्क कटौती तक सीमित नहीं है, बल्कि व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी और कुशल श्रम आवाजाही के क्षेत्रों में व्यापक साझेदारी को बढ़ावा देता है। इंडिया ग्लोबल फोरम 2025 में पीयूष गोयल ने इसे रणनीतिक आर्थिक साझेदारी में बदलने की प्रतिबद्धता दोहराई।

यह समझौता भारत के आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण के साथ वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं से जुड़ाव को संतुलित करता है। यह भारत की ट्रेड नेगोशिएशन कैपेसिटी को भी दर्शाता है। ब्रेक्ज़िट के बाद यूके के बाज़ार में भारत की उपस्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ, यह रोजगार सृजन और नवाचार के क्षेत्र में भी लाभकारी है।

इस प्रकार, भारत-यूके एफटीए न केवल द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाता है, बल्कि भारत की वैश्विक व्यापारिक भूमिका को भी सशक्त करता है।


Q2. भारत की एफटीए रणनीति किस प्रकार उसके राष्ट्रीय हितों और वैश्विक आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करती है? (250 शब्दों में उत्तर दें)

उत्तर:

भारत की एफटीए रणनीति पारंपरिक संरक्षणवादी रुख से एक रणनीतिक वैश्विक समेकन की ओर स्पष्ट संकेत देती है। भारत-यूके एफटीए इसका सटीक उदाहरण है। इस समझौते को रणनीतिक आर्थिक साझेदारी में बदलने की योजना भारत की वैश्विक व्यापार में प्रभावी भागीदारी को दर्शाती है।

इस रणनीति का उद्देश्य केवल बाजारों तक पहुंच बनाना नहीं है, बल्कि यह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, उद्योग क्षमता विकास, और कुशल मानव संसाधन की आवाजाही को भी बढ़ावा देती है। भारत घरेलू उद्योगों की सुरक्षा करते हुए वैश्विक साझेदारी को संतुलित करने का प्रयास करता है, जो उसकी व्यापारिक समझदारी को दर्शाता है।

इसके अलावा, ऐसे समझौते भारत की भू-राजनीतिक भूमिका को भी मजबूत करते हैं, विशेष रूप से लोकतांत्रिक साझेदार देशों के साथ। यूके के साथ यह समझौता वैश्विक मंच पर भारत की साख और विश्वास को बढ़ाता है।

निष्कर्षतः, भारत की एफटीए नीति राष्ट्रीय हितों की रक्षा करते हुए वैश्विक व्यापारिक नेतृत्व के उद्देश्य को साधती है, जो एक भविष्य उन्मुख व संतुलित रणनीति का प्रतीक है।