
महत्वपूर्ण बिंदु (SSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए उपयोगी)
- रूस-भारत-चीन (RIC) फॉर्मेट को फिर से शुरू करने में रूस की गहरी रुचि है।
- गालवन संघर्ष (2020) के बाद RIC वार्ता स्थगित कर दी गई थी।
- RIC प्रारूप की शुरुआत पूर्व रूसी प्रधानमंत्री येवगेनी प्रिमाकोव ने की थी।
- रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर समझ बनी है।
- नाटो (NATO) पर भारत को चीन-विरोधी रणनीति में घसीटने का आरोप।
- मोदी-शी जिनपिंग की मुलाकात BRICS शिखर सम्मेलन 2024 (कज़ान, रूस) में हुई थी।
परीक्षा उपयोगी जानकारी (MCQ सेक्शन से पहले)
रूस (Russia)
- राजधानी: मास्को
- राष्ट्रपति: व्लादिमीर पुतिन
- मुद्रा: रूसी रूबल
- महत्वपूर्ण स्थल: पर्म (Perm) – यूरोप और एशिया की सीमा पर स्थित
- पर्वत: यूराल पर्वत (Europe-Asia boundary)
चीन (China)
- राजधानी: बीजिंग
- राष्ट्रपति: शी जिनपिंग
- मुद्रा: युआन (Renminbi)
- विवादित क्षेत्र: गालवन घाटी, लद्दाख
भारत (India)
- राजधानी: नई दिल्ली
- प्रधानमंत्री: नरेंद्र मोदी
- महत्वपूर्ण कार्यक्रम: BRICS शिखर सम्मेलन 2024, कज़ान (रूस)
नाटो (NATO)
- पूरा नाम: North Atlantic Treaty Organization
- स्थापना: 1949
- मुख्यालय: ब्रुसेल्स, बेल्जियम
- सदस्य देश: 32 (जैसे USA, UK, जर्मनी)
RIC
- पूरा नाम: Russia-India-China
- शुरुआत: 2001
- प्रस्तावक: येवगेनी प्रिमाकोव
- उद्देश्य: तीनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग बढ़ाना
विस्तृत जानकारी (सरल और समझने योग्य भाषा में)
29 मई 2025 को रूस के पर्म शहर में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने रूस-भारत-चीन (RIC) त्रिपक्षीय वार्ता प्रारूप को पुनः शुरू करने की बात कही।
उन्होंने बताया कि यह फॉर्मेट पूर्व रूसी प्रधानमंत्री येवगेनी प्रिमाकोव की पहल पर शुरू किया गया था और अब तक इस प्रारूप में 20 से अधिक मंत्रिस्तरीय बैठकें हो चुकी हैं, जिनमें केवल विदेश मंत्रियों ही नहीं बल्कि आर्थिक, व्यापारिक और वित्तीय अधिकारियों की भी भागीदारी रही है।
2020 में गालवन संघर्ष के बाद इस फॉर्मेट को स्थगित कर दिया गया था। लेकिन अब, भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को सुलझाने पर सहमति बनने के बाद, लावरोव को लगता है कि RIC को पुनर्जीवित करने का समय आ गया है।
उन्होंने नाटो पर आरोप लगाया कि वह भारत को चीन-विरोधी साजिशों में फँसाने की कोशिश कर रहा है। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें विश्वास है कि भारत अपनी रणनीतिक स्वतंत्रता बनाए रखेगा।
इस बयान से यह संकेत मिलता है कि यूरेशिया क्षेत्र में संतुलन बनाने और पश्चिमी प्रभाव को कम करने के लिए RIC का पुनर्गठन एक बड़ा कदम हो सकता है।
संभावित परीक्षा प्रश्न (MCQs)
1. रूस-भारत-चीन (RIC) फॉर्मेट की शुरुआत किसने की थी?
a) व्लादिमीर पुतिन
b) नरेंद्र मोदी
c) येवगेनी प्रिमाकोव
d) शी जिनपिंग
सही उत्तर: c) येवगेनी प्रिमाकोव
2. RIC वार्ता को मई 2025 में पुनः शुरू करने की बात किस शहर में हुई थी?
a) कज़ान
b) मॉस्को
c) पर्म
d) सोची
सही उत्तर: c) पर्म
3. किस घटना के बाद RIC फॉर्मेट ठप पड़ गया था?
a) डोकलाम विवाद
b) गालवन संघर्ष
c) BRICS विवाद
d) SCO बैठक
सही उत्तर: b) गालवन संघर्ष
4. RIC का पूरा नाम क्या है?
a) रूस-इंडिया-चीन
b) रीजनल इंडिया-चाइना
c) रिपब्लिक ऑफ इंडिया-चाइना
d) रशियन इंडो-चाइना
सही उत्तर: a) रूस-इंडिया-चीन
5. रूस ने किस अंतरराष्ट्रीय संगठन पर भारत को चीन-विरोधी गतिविधियों में घसीटने का आरोप लगाया?
a) SCO
b) BRICS
c) QUAD
d) NATO
सही उत्तर: d) NATO