SSC, UPSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण बिंदु
- भारत और साइप्रस के बीच UPI सेवा शुरू करने के लिए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुए।
- यह समझौता पर्यटकों और व्यवसायों के लिए क्रॉस-बॉर्डर भुगतान को आसान बनाएगा।
- साइप्रस भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) के शीर्ष 10 स्रोतों में शामिल है, $15 बिलियन का संचयी निवेश।
- इंडिया-ग्रीस-साइप्रस बिजनेस एंड इन्वेस्टमेंट काउंसिल की स्थापना त्रिपक्षीय सहयोग के लिए हुई।
- गुजरात गिफ्ट सिटी की एनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज और साइप्रस स्टॉक एक्सचेंज के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुए।
- 2023-24 में भारत-साइप्रस द्विपक्षीय व्यापार $137 मिलियन रहा।
पूरी जानकारी
परिचय
भारत की डिजिटल पेमेंट प्रणाली अब वैश्विक विस्तार की ओर बढ़ रही है। इसी दिशा में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) और यूरोबैंक ऑफ साइप्रस के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौते के तहत साइप्रस में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) सेवा शुरू की जाएगी, जिससे पर्यटकों, व्यवसायों और निवेशकों को क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट में सुविधा होगी।
मुख्य समझौते और महत्व
यह एमओयू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साइप्रस यात्रा के दौरान साइन हुआ। इसका उद्देश्य:
- वित्तीय सहयोग को मजबूत करना
- क्रॉस-बॉर्डर भुगतान को तेज, सस्ता और सुगम बनाना
- साइप्रस में भारतीय छात्रों, पर्यटकों और व्यवसायों को लाभ पहुँचाना
साथ ही, गुजरात गिफ्ट सिटी की एनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज और साइप्रस स्टॉक एक्सचेंज के बीच भी एमओयू साइन हुआ ताकि भारत, साइप्रस और यूरोप के बीच पूंजी प्रवाह को बढ़ाया जा सके।
भारत-साइप्रस आर्थिक संबंध
- साइप्रस भारत में एक बड़ा निवेशक देश है, जिसने अब तक लगभग $15 बिलियन का निवेश किया है।
- 2023-24 में भारत-साइप्रस द्विपक्षीय व्यापार $137 मिलियन रहा, जिसमें भारत से मुख्य निर्यात दवाइयाँ, वस्त्र, मशीनरी, लोहा व इस्पात और रसायन शामिल हैं।
- प्रधानमंत्री मोदी और साइप्रस के राष्ट्रपति निकोस क्रिस्टोडुलाइड्स की सह-अध्यक्षता में एक बिजनेस राउंडटेबल हुआ, जिसमें डिफेंस, लॉजिस्टिक्स, डिजिटल टेक्नोलॉजी, AI, शिपिंग और मोबिलिटी में सहयोग बढ़ाने की रणनीति बनाई गई।
रणनीतिक महत्व
साइप्रस की भू-राजनीतिक स्थिति यूरोप और मेडिटेरेनियन क्षेत्र में भारत के लिए व्यापार का प्रवेश द्वार बनाती है। इंडिया-ग्रीस-साइप्रस बिजनेस एंड इन्वेस्टमेंट काउंसिल की स्थापना त्रिपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए की गई, विशेष रूप से शिपिंग, सिविल एविएशन, रिन्यूएबल एनर्जी, लॉजिस्टिक्स और डिजिटल सर्विसेस क्षेत्रों में।
साइप्रस के बारे में (परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण तथ्य)
- राजधानी: निकोसिया
- मुद्रा: यूरो
- राष्ट्रपति: निकोस क्रिस्टोडुलाइड्स
- स्थिति: पूर्वी भूमध्यसागर, यूरोपीय संघ का सदस्य
- महत्वपूर्ण तथ्य: भारत में शीर्ष 10 FDI स्रोतों में शामिल
- रणनीतिक महत्व: भारत के लिए यूरोप और मेडिटेरेनियन के लिए प्रवेश द्वार
परीक्षा से जुड़े संभावित MCQ
1. NPCI ने साइप्रस में UPI सेवा शुरू करने के लिए किस बैंक के साथ MoU साइन किया?
A) बैंक ऑफ साइप्रस
B) यूरोबैंक ऑफ साइप्रस
C) हेलेनिक बैंक
D) अल्फा बैंक
उत्तर: B) यूरोबैंक ऑफ साइप्रस
2. भारत में साइप्रस से कुल FDI कितना है?
A) $10 बिलियन
B) $15 बिलियन
C) $20 बिलियन
D) $5 बिलियन
उत्तर: B) $15 बिलियन
3. साइप्रस की राजधानी क्या है?
A) लिमासोल
B) लर्नाका
C) निकोसिया
D) पाफोस
उत्तर: C) निकोसिया
4. गुजरात के गिफ्ट सिटी की किस संस्था ने साइप्रस स्टॉक एक्सचेंज के साथ MoU साइन किया?
A) मुंबई स्टॉक एक्सचेंज
B) एनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज
C) सेबी
D) एनएसडीएल
उत्तर: B) एनएसई इंटरनेशनल एक्सचेंज
5. इंडिया-ग्रीस-साइप्रस बिजनेस काउंसिल का उद्देश्य किन क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना है?
A) केवल रक्षा और शिपिंग
B) शिपिंग, लॉजिस्टिक्स, रिन्यूएबल एनर्जी, सिविल एविएशन, डिजिटल सर्विसेस
C) केवल बैंकिंग और वित्त
D) कृषि और मत्स्य पालन
उत्तर: B) शिपिंग, लॉजिस्टिक्स, रिन्यूएबल एनर्जी, सिविल एविएशन, डिजिटल सर्विसेस
UPSC-स्टाइल FAQ (उत्तर UPSC उत्तर लेखन प्रारूप में)
Q1. भारत द्वारा साइप्रस में UPI सेवा शुरू करने का भारत की वित्तीय कूटनीति में क्या महत्व है?
उत्तर:
भारत द्वारा NPCI और यूरोबैंक ऑफ साइप्रस के बीच हुए समझौते से UPI सेवा की शुरुआत वित्तीय कूटनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह भारत की सॉफ्ट पावर को बढ़ाता है और वैश्विक स्तर पर डिजिटल भुगतान मॉडल को बढ़ावा देता है। यह पहल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फाइनेंशियल इन्क्लूजन को मजबूती देती है और यूरोप तथा मेडिटेरेनियन क्षेत्रों में भारत की आर्थिक उपस्थिति को सशक्त बनाती है। इससे भारत की डिजिटल ताकत और वैश्विक वित्तीय बाजार में उसके योगदान को नई पहचान मिलेगी।
Q2. भारत में साइप्रस की विदेशी निवेश भागीदारी और रणनीतिक साझेदारी की भूमिका का विश्लेषण करें।
उत्तर:
साइप्रस भारत में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। अब तक $15 बिलियन से अधिक का निवेश दर्शाता है कि साइप्रस भारत के वित्तीय भागीदार के रूप में कितना अहम है। इसके अलावा दोनों देशों की साझेदारी डिजिटल पेमेंट, स्टॉक एक्सचेंज और बिजनेस काउंसिल जैसी पहलों के माध्यम से बहुआयामी होती जा रही है। साइप्रस भारत के लिए यूरोप और मेडिटेरेनियन के लिए एक प्रवेश द्वार की तरह कार्य करता है, जिससे दोनों देशों के बीच निवेश, व्यापार और प्रौद्योगिकी में सहयोग बढ़ेगा।
Q3. NSE इंटरनेशनल एक्सचेंज और साइप्रस स्टॉक एक्सचेंज के बीच MoU भारत की वैश्विक वित्तीय एकीकरण की दिशा में कैसे सहायक हो सकता है?
उत्तर:
NSE इंटरनेशनल एक्सचेंज और साइप्रस स्टॉक एक्सचेंज के बीच समझौता भारत के वैश्विक वित्तीय एकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पूंजी प्रवाह को सुगम बनाएगा, निवेशकों का भरोसा बढ़ाएगा और भारत को एक वैश्विक वित्तीय हब के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा। इससे भारतीय वित्तीय बाजारों को यूरोपीय मानकों के अनुरूप लाने में मदद मिलेगी और वैश्विक निवेशकों के लिए भारत एक आकर्षक गंतव्य बनकर उभरेगा।