
SSC, UPSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य
- वैश्विक विस्थापित आबादी: 122.1 मिलियन (अप्रैल 2025)
- आंतरिक रूप से विस्थापित लोग (IDPs): 73.5 मिलियन
- प्रमुख कारण: सूडान (14.3 मिलियन), सीरिया (13.5 मिलियन), अफगानिस्तान (10.3 मिलियन), यूक्रेन (8.8 मिलियन)
- प्रमुख शरणार्थी मेजबान देश: ईरान (3.5 मिलियन), तुर्किये (2.9 मिलियन), कोलंबिया (2.8 मिलियन), जर्मनी (2.7 मिलियन), युगांडा (1.8 मिलियन)
- 2024 में घर लौटे लोग: 9.8 मिलियन (2 मिलियन सीरियाई सहित)
- UNHCR फंडिंग संकट: कई देशों ने मदद घटाई
वैश्विक विस्थापन संकट पर विस्तार से जानकारी
विस्थापन की भयावह स्थिति
अप्रैल 2025 तक, संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (UNHCR) के अनुसार 122.1 मिलियन लोग जबरन विस्थापित हैं। हालांकि यह संख्या 2024 की 123.2 मिलियन की चोटी से थोड़ी कम है, स्थिति अब भी बेहद गंभीर बनी हुई है और वैश्विक सहयोग की मांग करती है।
संघर्ष क्षेत्रों से विस्थापन
सूडान सबसे बड़ा कारण बना
- सूडान: 14.3 मिलियन विस्थापित (अब सीरिया से आगे)
- सीरिया: 13.5 मिलियन
- अफगानिस्तान: 10.3 मिलियन
- यूक्रेन: 8.8 मिलियन
इन देशों में युद्ध और अशांति विस्थापन का मुख्य कारण हैं।
आंतरिक रूप से विस्थापितों की संख्या
2024 के अंत तक:
- IDPs: 73.5 मिलियन (कुल विस्थापितों का 60%)
- ये लोग अपनी सीमाओं के भीतर ही फंसे हुए हैं और बाहर नहीं जा पाए।
शरणार्थियों को पनाह देने वाले देश
अमीर देशों के विपरीत, कम और मध्यम आय वाले देश शरणार्थियों को सबसे ज्यादा जगह दे रहे हैं।
- ईरान: 3.5 मिलियन शरणार्थी
- तुर्किये: 2.9 मिलियन
- कोलंबिया: 2.8 मिलियन
- जर्मनी: 2.7 मिलियन
- युगांडा: 1.8 मिलियन
इससे स्पष्ट है कि विकासशील देशों पर बोझ ज्यादा है।
वापसी की प्रवृत्ति
2024 में कुछ सकारात्मक संकेत मिले:
- 2 मिलियन सीरियाई लोग लौटे घर।
- कुल 9.8 मिलियन विस्थापितों ने घर वापसी की।
UNHCR की वित्तीय चुनौतियाँ
UNHCR को भारी फंडिंग की कमी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि कई देशों ने अपनी सहायता कम कर दी है। वैश्विक स्थिरता के लिए नवीन अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता की आवश्यकता है।
संबंधित संगठन की जानकारी
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (UNHCR)
- स्थापना: 1950
- मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड
- उद्देश्य: शरणार्थियों और विस्थापित लोगों की रक्षा और सहायता
- वर्तमान उच्चायुक्त: फिलिपो ग्रांडी
SSC/UPSC के लिए संभावित MCQ
1. अप्रैल 2025 में UNHCR के अनुसार वैश्विक रूप से कितने लोग विस्थापित हैं?
A) 123.2 मिलियन
B) 122.1 मिलियन
C) 121.5 मिलियन
D) 120 मिलियन
उत्तर: B) 122.1 मिलियन
2. 2025 में सबसे ज्यादा विस्थापित लोग किस देश से हैं?
A) सीरिया
B) अफगानिस्तान
C) सूडान
D) यूक्रेन
उत्तर: C) सूडान
3. अप्रैल 2025 तक सबसे ज्यादा शरणार्थियों को कौन सा देश पनाह दे रहा है?
A) जर्मनी
B) ईरान
C) युगांडा
D) कोलंबिया
उत्तर: B) ईरान
4. UNHCR का मुख्यालय कहाँ है?
A) न्यूयॉर्क
B) पेरिस
C) जिनेवा
D) लंदन
उत्तर: C) जिनेवा
5. जबरन विस्थापित लोगों में से कितने प्रतिशत लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हैं?
A) 50%
B) 60%
C) 70%
D) 80%
उत्तर: B) 60%
UPSC शैली के FAQs (आंसर राइटिंग प्रारूप में)
Q1. वैश्विक विस्थापन के प्रमुख कारणों और रुझानों पर चर्चा कीजिए (2025 रिपोर्ट के सन्दर्भ में)।
उत्तर:
अप्रैल 2025 की UNHCR रिपोर्ट के अनुसार 122.1 मिलियन लोग जबरन विस्थापित हैं। इसका मुख्य कारण युद्ध और आंतरिक संघर्ष है। सूडान अब सबसे बड़ा योगदानकर्ता बन गया है, जहां से 14.3 मिलियन लोग विस्थापित हुए हैं। इसके बाद सीरिया (13.5 मिलियन), अफगानिस्तान (10.3 मिलियन) और यूक्रेन (8.8 मिलियन) का स्थान आता है।
एक प्रमुख प्रवृत्ति यह है कि 60% लोग अपने देश के भीतर ही विस्थापित हैं। इसके अलावा, ईरान, तुर्किये और कोलंबिया जैसे विकासशील देश शरणार्थियों को सबसे अधिक शरण दे रहे हैं, जिससे इन देशों की सामाजिक और आर्थिक संरचनाओं पर दबाव बढ़ा है।
हालांकि, 2024 में 9.8 मिलियन लोगों की घर वापसी भी दर्ज की गई। वहीं, UNHCR को भारी फंडिंग संकट का सामना करना पड़ रहा है, जिससे मानवीय राहत प्रभावित हो रही है।
Q2. शरणार्थियों को आश्रय देने में निम्न और मध्यम आय वाले देशों की भूमिका और इसके वैश्विक स्थिरता पर प्रभाव का मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर:
निम्न और मध्यम आय वाले देशों की भूमिका शरणार्थियों को आश्रय देने में महत्वपूर्ण है। 2025 के आंकड़ों के अनुसार ईरान (3.5 मिलियन), तुर्किये (2.9 मिलियन) और कोलंबिया (2.8 मिलियन) शीर्ष शरणार्थी मेजबान देश हैं। यह धारणा गलत सिद्ध होती है कि केवल धनी देश ही शरणार्थियों को जगह देते हैं।
इससे इन देशों पर सामाजिक, आर्थिक और बुनियादी ढांचे पर भारी दबाव पड़ता है, जिससे क्षेत्रीय अस्थिरता की स्थिति बन सकती है। अमीर देशों द्वारा अपेक्षित सहयोग की कमी और UNHCR की वित्तीय समस्या इस संकट को और बढ़ा देती है।
वैश्विक स्थिरता के लिए आवश्यक है कि जिम्मेदारी साझा करने की व्यवस्था बने, जिसमें शरणार्थी मेजबान देशों को वित्तीय और तकनीकी सहायता दी जाए और संघर्ष प्रभावित देशों में शांति बहाली के प्रयास तेज हों।