SSC/UPSC और अन्य सरकारी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण बिंदु

  • Ghana ने भारत की Arima Farms और CSIR-Crops Research Institute के साथ मिलकर जलवायु-प्रतिरोधी गेहूं पहल की शुरुआत की।
  • इस पहल का उद्देश्य Ghana के $400 मिलियन वार्षिक गेहूं आयात बिल को कम करना है।
  • यह South–South Cooperation (दक्षिण-दक्षिण सहयोग) का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।
  • Arima Farms की MD सालई मणिकम ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की वैश्विक प्रशंसा का उल्लेख किया।
  • यह साझेदारी भारत–Ghana संबंधों में कृषि और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में नया अध्याय जोड़ती है।

Ghana–India गेहूं साझेदारी: पूरी जानकारी

खाद्य आत्मनिर्भरता की ओर एक ठोस कदम

Ghana ने भारत के साथ साझेदारी करके एक जलवायु-प्रतिरोधी गेहूं पहल की शुरुआत की है, जिसका लक्ष्य है देश की महंगी गेहूं आयात निर्भरता को खत्म करना। वर्तमान में Ghana हर साल $400 मिलियन से अधिक का गेहूं आयात करता है, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था और खाद्य सुरक्षा पर दबाव पड़ता है।

इस परियोजना में भारत की Arima Farms और Ghana की CSIR-Crops Research Institute मिलकर ऐसी गेहूं की किस्मों पर काम करेंगे जो जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को सहन कर सकें। इस पहल से स्थानीय किसानों को नई तकनीकें और प्रशिक्षण भी मिलेगा, जिससे स्थानीय उत्पादन और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।

अफ्रीका में भारत की बढ़ती भूमिका

Arima Farms की मैनेजिंग डायरेक्टर सालई मणिकम ने इस मौके पर कहा कि यह पहल South–South Cooperation को मजबूत करती है। उन्होंने यह भी कहा कि कई Ghana निवासी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को प्रेरणादायक मानते हैं। यह साझेदारी भारत की वैश्विक नेतृत्व की भूमिका और कृषि क्षेत्र में नवाचार को दर्शाती है।

यह पहल भारत–Ghana के बीच कूटनीतिक संबंधों को और गहरा करेगी, खासतौर पर खेती-किसानी, खाद्य सुरक्षा और जलवायु के अनुकूल कृषि में।


Ghana से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्य (Exams के लिए)

  • राजधानी: Accra
  • राष्ट्रपति: नाना अकुफो-एडो
  • मुद्रा: Ghanaian Cedi (GHS)
  • मुख्य नदियाँ: Volta River, Pra River
  • प्रमुख कृषि उत्पाद: कोको, मक्का, चावल, कसावा, अब गेहूं भी
  • शोध संस्थान: CSIR–Crops Research Institute
  • साझेदार देश: भारत
  • भारतीय संस्था: Arima Farms
  • सहयोग का प्रकार: South–South Cooperation

परीक्षा-आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs)

Q1. किस देश ने हाल ही में भारत के साथ जलवायु-प्रतिरोधी गेहूं पहल शुरू की है?
a) नाइजीरिया
b) केन्या
c) घाना
d) इथियोपिया
उत्तर: c) घाना

Q2. Ghana में गेहूं परियोजना में भारत की कौन-सी कंपनी भागीदार है?
a) भारत एग्रो
b) Arima Farms
c) वेदांता सीड्स
d) कृषि विकास
उत्तर: b) Arima Farms

Q3. Ghana का वार्षिक गेहूं आयात बिल लगभग कितना है?
a) $100 मिलियन
b) $200 मिलियन
c) $300 मिलियन
d) $400 मिलियन
उत्तर: d) $400 मिलियन

Q4. Ghana की राजधानी क्या है?
a) लागोस
b) नैरोबी
c) अक्रा
d) लुसाका
उत्तर: c) अक्रा

Q5. Ghana की गेहूं परियोजना में कौन-सा शोध संस्थान शामिल है?
a) अफ्रीकन क्रॉप ब्यूरो
b) CSIR–Crops Research Institute
c) घाना एग्रो बोर्ड
d) वेस्ट अफ्रीका प्लांट लैब
उत्तर: b) CSIR–Crops Research Institute


UPSC-शैली FAQs और मॉडल उत्तर

Q1. South–South Cooperation क्या होता है और यह Ghana-India गेहूं परियोजना में कैसे दिखता है?

उत्तर:
South–South Cooperation विकासशील देशों के बीच सहयोग की प्रक्रिया है, जहां वे आपस में तकनीक, संसाधन और अनुभव साझा करते हैं। Ghana–India गेहूं परियोजना इसका उत्कृष्ट उदाहरण है। इसमें भारत ने जलवायु-प्रतिरोधी कृषि तकनीक Ghana के साथ साझा की है, जिससे दोनों देशों को लाभ होगा। यह विकासशील देशों के आपसी सहयोग को बढ़ावा देता है।


Q2. भारत की विदेश नीति के लिए Ghana–India गेहूं साझेदारी क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर:
यह साझेदारी भारत की “Africa Outreach” रणनीति का हिस्सा है, जो विकास आधारित कूटनीति को प्राथमिकता देती है। Ghana की खाद्य सुरक्षा में सहयोग करके भारत ने एक जिम्मेदार वैश्विक भागीदार के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत किया है। यह कदम भारत की कृषि नवाचार क्षमताओं और दक्षिण-दक्षिण सहयोग में नेतृत्व को भी दर्शाता है।


Q3. जलवायु-प्रतिरोधी फसलें Ghana जैसे देशों में खाद्य सुरक्षा कैसे सुनिश्चित कर सकती हैं?

उत्तर:
जलवायु-प्रतिरोधी फसलें सूखा, बाढ़ और तापमान परिवर्तन जैसी स्थितियों में भी उत्पादन बनाए रखती हैं। Ghana जैसे देशों में, जहां मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है, ये फसलें स्थिर उत्पादन सुनिश्चित करती हैं। Ghana–India गेहूं परियोजना के माध्यम से स्थानीय उत्पादन बढ़ेगा, जिससे आयात पर निर्भरता घटेगी और खाद्य आत्मनिर्भरता बढ़ेगी।


Q4. $400 मिलियन का गेहूं आयात बिल घटाने से Ghana की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

उत्तर:
इस बिल को घटाने से Ghana के विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव कम होगा और व्यापार संतुलन सुधरेगा। साथ ही, स्थानीय स्तर पर गेहूं उत्पादन शुरू होने से रोजगार सृजन, किसानों की आय में वृद्धि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था में विकास होगा। यह GDP में सकारात्मक योगदान देगा।


Q5. Arima Farms जैसी भारतीय निजी कंपनियों की भूमिका भारत की विदेशी सहायता नीति में किस बदलाव को दर्शाती है?

उत्तर:
पहले भारत की विदेशी सहायता मुख्यतः सरकार-से-सरकार आधारित होती थी, लेकिन अब इसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ रही है। Arima Farms की Ghana में भागीदारी इस बदलाव का प्रमाण है। यह दर्शाता है कि भारत अब अपनी निजी कंपनियों की विशेषज्ञता और नवाचार क्षमता का उपयोग कर वैश्विक स्तर पर विकास सहयोग को नया रूप दे रहा है।